Health Advice for women: जानिए कैसे मेनोपॉज के दौर में भी पा सकते हैं गहरी और आरामदायक नींद
News India Live, Digital Desk: Health Advice for women: महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण है रजोनिवृत्ति, जिसे मेनोपॉज भी कहते हैं। इस दौरान शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं, जिनका सीधा असर नींद की गुणवत्ता पर पड़ता है। मेनोपॉज के बाद नींद में बार-बार खलल पड़ना एक आम समस्या है, जो महिलाओं की दिनचर्या और स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।
नींद खराब होने के मुख्य कारण
रजोनिवृत्ति के दौरान नींद न आने या नींद खराब होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं:
हार्मोनल बदलाव: एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होने से नींद के पैटर्न पर गहरा असर पड़ता है। शरीर की आंतरिक घड़ी (circadian rhythm) गड़बड़ा सकती है, जिससे नींद आने और जागने का चक्र अनियमित हो जाता है।
हॉट फ्लैशेस (Night Sweats): मेनोपॉज का सबसे आम लक्षण है अचानक गर्मी लगना और पसीना आना, जिसे हॉट फ्लैशेस या रात को पसीना आना कहते हैं। ये कभी भी आ सकते हैं, लेकिन रात के समय इन्हें महसूस करना नींद को गंभीर रूप से बाधित करता है, क्योंकि व्यक्ति बार-बार जाग जाता है।
चिंता और अवसाद: हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान चिंता, घबराहट और अवसाद का अनुभव हो सकता है। ये मानसिक स्थितियाँ नींद न आने की समस्या को और बढ़ा देती हैं।
रात में बार-बार पेशाब आना (Nocturia): कुछ महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान रात में बार-बार पेशाब जाने की इच्छा होती है, जिससे उनकी नींद टूट जाती है।
स्लीप एपनिया और रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम: ये नींद से जुड़ी अन्य समस्याएं मेनोपॉज के दौरान और भी बढ़ सकती हैं, जिससे गहरी और आरामदायक नींद लेना मुश्किल हो जाता है।
नींद की समस्या से निपटने के प्रभावी उपाय
रजोनिवृत्ति के बाद बेहतर नींद पाने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव लाना और कुछ आसान उपाय अपनाना बहुत कारगर हो सकता है:
खान-पान पर ध्यान दें: सोने से कुछ घंटे पहले कैफीन, शराब और मसालेदार भोजन से बचें, क्योंकि ये हॉट फ्लैशेस को बढ़ा सकते हैं और नींद में खलल डाल सकते हैं। कैल्शियम और विटामिन डी युक्त आहार लें। सोया उत्पाद जैसे फाइटोएस्ट्रोजन युक्त खाद्य पदार्थ कुछ महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकते हैं
नियमित व्यायाम करें: दिन के समय नियमित शारीरिक गतिविधि नींद की गुणवत्ता में सुधार करती है। हालांकि, सोने से ठीक पहले तीव्र व्यायाम करने से बचें, क्योंकि यह आपको उत्तेजित कर सकता है।
बेहतर स्लीप हाइजीन अपनाएं: एक नियमित नींद का कार्यक्रम बनाएं - हर दिन एक ही समय पर सोएं और जागें। अपने बेडरूम को ठंडा, अंधेरा और शांत रखें। सोने से पहले मोबाइल, टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग बंद कर दें। सोने से पहले एक आरामदायक दिनचर्या अपनाएं, जैसे गर्म पानी से नहाना या किताब पढ़ना।
योग और ध्यान का अभ्यास: तनाव और चिंता को कम करने के लिए शांत करने वाले योगासन और ध्यान का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। ये मन को शांत करते हैं और शरीर को नींद के लिए तैयार करते हैं।
डॉक्टर की सलाह: यदि नींद की समस्याएं लगातार बनी रहती हैं और आपकी दिनचर्या को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर आपकी स्थिति के आधार पर हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) या अन्य चिकित्सा सुझाव दे सकते हैं।
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