Good news has arrived in Jharkhand: दो दिन बाद से भारी बारिश का दौर ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी

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News India Live, Digital Desk: Good news has arrived in Jharkhand:  गर्मी और उमस से जूझ रहे झारखंड के लोगों के लिए अब मौसम विभाग ने एक बड़ी राहत भरी खबर सुनाई है। अगले कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश का दौर शुरू होने वाला है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के रांची स्थित मौसम केंद्र ने राज्य के लिए भारी बारिश का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे प्रशासन और आम लोग दोनों सतर्क हो गए हैं। यह बदलाव मॉनसून के पूरी तरह सक्रिय होने और अनुकूल मौसमी स्थितियों के कारण हो रहा है।

मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 2 जुलाई और 3 जुलाई को राज्य के लगभग सभी हिस्सों में सामान्य से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। इस दौरान, कुछ छिटपुट स्थानों पर गर्जना के साथ तेज़ हवाएं चलने और वज्रपात होने की भी आशंका जताई गई है, इसलिए लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। इन दो दिनों में हल्की फुल्की बारिश से तापमान में थोड़ी गिरावट आ सकती है, लेकिन असली बदलाव 3 जुलाई के बाद दिखेगा।

आधिकारिक चेतावनी के अनुसार, 4 जुलाई और 5 जुलाई को झारखंड के अधिकांश जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इन दोनों दिनों के लिए 'येलो अलर्ट' प्रभावी रहेगा। जिन जिलों में भारी बारिश की उम्मीद है, उनमें लोहरदगा, गुमला, लातेहार, गढ़वा, पलामू, रांची, बोकारो, हजारीबाग, रामगढ़ और खूंटी प्रमुख हैं। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में 64.5 मिलीमीटर से 115.5 मिलीमीटर तक की बारिश दर्ज की जा सकती है, जिससे जलभराव और आवागमन में परेशानी हो सकती है।

इसके अलावा, कुछ ऐसे जिले भी हैं जिनके लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है। ये जिले पश्चिम सिंहभूम, सिमडेगा, सरायकेला खरसावां और पूर्वी सिंहभूम हैं। 'ऑरेंज अलर्ट' का मतलब है 'बहुत भारी बारिश' यानी 115.6 से 204.4 मिलीमीटर तक की बारिश, जो बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर सकती है। इन जिलों में स्थानीय प्रशासन को विशेष रूप से अलर्ट रहने और लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

हालांकि इस भारी बारिश से गर्मी और उमस से तो राहत मिलेगी, लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है। लगातार और भारी बारिश के कारण राज्य के निचले इलाकों में जलभराव की समस्या बढ़ सकती है। नदियाँ और नाले उफ़ान पर आ सकते हैं, जिससे कुछ जगहों पर बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती है। खेती-बाड़ी के लिए यह बारिश महत्वपूर्ण होगी, लेकिन अत्यधिक वर्षा फसलों को नुकसान भी पहुँचा सकती है। इसलिए, लोगों को बिजली गिरने और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन भी सभी परिस्थितियों पर नजर रखे हुए है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

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