गौतम गंभीर का बचाव मैदान पर कोच नहीं खेलता वर्ल्ड कप विनर ने आलोचकों को दिया करारा जवाब
News India Live, Digital Desk : भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) जब भी कोई मैच या सीरीज हारती है, तो सबसे पहले गाज गिरती है कप्तान और कोच पर। आजकल कुछ ऐसा ही हमारे हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के साथ हो रहा है। हाल ही में टीम के खराब प्रदर्शन को लेकर गंभीर सोशल मीडिया पर ट्रोल्स और पूर्व दिग्गजों के निशाने पर हैं। हर कोई यही कह रहा है कि "कोचिंग में दम नहीं है" या "रणनीति गलत थी"।
लेकिन इस शोर-शराबे के बीच, टीम इंडिया के एक टी20 वर्ल्ड कप विजेता (T20 World Cup Winner) खिलाड़ी ने गंभीर का जोरदार बचाव किया है और आलोचकों को आईना दिखाया है।
किसने किया बचाव और क्या कहा?
इस दिग्गज खिलाड़ी (जो खुद वर्ल्ड चैंपियन टीम का हिस्सा रहे हैं) ने साफ शब्दों में कहा कि हर हार के लिए कोच को बलि का बकरा बनाना (Scapegoat) बंद होना चाहिए। उन्होंने एक बहुत ही पते की बात कही, जो हर क्रिकेट फैन को समझनी चाहिए:
"देखिए, कोच का काम है रणनीति बनाना और खिलाड़ियों को तैयार करना। लेकिन आखिर में मैदान पर बल्ला और गेंद लेकर खिलाड़ी को ही जाना पड़ता है। अगर खिलाड़ी परफॉर्म नहीं करेंगे, तो कोच बाहर बैठकर क्या कर लेगा? कोच आपके बदले बैटिंग नहीं कर सकता।"
"आसान है उंगली उठाना"
गंभीर के समर्थन में उत्रे इस स्टार खिलाड़ी का मानना है कि जब हम जीतते हैं तो श्रेय खिलाड़ियों को मिलता है, तो हारने पर सिर्फ कोच को ही विलेन क्यों बनाया जाता है? यह जिम्मेदारी पूरी टीम की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गंभीर का रिकॉर्ड और उनकी सोच (Mindset) हमेशा से जीतने वाली रही है, उन्हें थोड़ा वक्त देने की जरूरत है।
फैंस के लिए क्या है सबक?
हम भावुक होकर सोशल मीडिया पर कुछ भी लिख देते हैं, लेकिन क्रिकेट एक टीम गेम है। 2007 टी20 वर्ल्ड कप विजेता रहे रोबिन उथप्पा (Robin Uthappa) जैसे खिलाड़ियों ने भी अक्सर यही बात कही है कि ट्रांजिशन के दौर में धैर्य रखना जरूरी है। गंभीर का काम दिशा दिखाना है, लेकिन उस दिशा में चलना खिलाड़ियों का काम है।
अब देखना यह है कि आने वाले मैचों में गंभीर के 'लड़के' आलोचकों को अपने खेल से कैसे जवाब देते हैं।
क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है, यहाँ बाजी कभी भी पलट सकती है!
--Advertisement--