Garuda Purana : मृत्यु के बाद मोक्ष चाहते हैं तो जान लें ये बातें, गरुड़ पुराण बताता है 5 रास्ते
News India Live, Digital Desk: मनुष्य जीवन का अंतिम सत्य मृत्यु है, जिसे कोई टाल नहीं सकता. लेकिन गरुड़ पुराण में कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं कि मृत्यु से पहले किए गए कुछ खास काम हमें वैकुण्ठ लोक तक पहुंचा सकते हैं, यानी हमें जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति दिलाकर मोक्ष की ओर ले जा सकते हैं. यह बातें हमें सिर्फ धार्मिक रूप से ही नहीं, बल्कि एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए भी प्रेरित करती हैं.
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु से पहले हर व्यक्ति को ये 5 काम जरूर कर लेने चाहिए ताकि उसकी आत्मा को शांति मिले और उसे उत्तम गति प्राप्त हो:
- जीवन के हर रिश्ते को सम्मान और प्रेम से सींचें:
सबसे पहली और सबसे ज़रूरी बात यह है कि आपने अपने जीवन में जिन लोगों के साथ समय बिताया, उनसे कैसा व्यवहार किया. अगर आपने माता-पिता, गुरुजनों, जीवनसाथी, बच्चों, मित्रों और समाज के हर व्यक्ति के प्रति आदर, प्रेम और दया का भाव रखा है, तो आपकी आत्मा को संतोष मिलता है. किसी का अनादर या अपमान करने से बचें. अंत समय में पछतावा न हो, इसके लिए जीते जी सबके साथ सद्भाव से रहना बहुत जरूरी है. यही वैकुण्ठ जाने का सबसे पहला और आसान मार्ग है. - अपनी कमाई का एक हिस्सा धर्म और परोपकार में लगाएँ:
सिर्फ धन कमाना ही जीवन का लक्ष्य नहीं होना चाहिए. गरुड़ पुराण कहता है कि अपनी मेहनत की कमाई का कुछ अंश हमेशा धर्म और परोपकार के कामों में लगाना चाहिए. जैसे कि मंदिर या धार्मिक स्थलों के निर्माण में मदद करना, ज़रूरतमंदों को दान देना, गरीबों की शिक्षा में सहयोग करना या किसी सामाजिक कार्य में अपना योगदान देना. यह आपके पुण्य कर्मों को बढ़ाता है और अंत समय में आत्मा को शांति प्रदान करता है. ऐसा करने से वैकुण्ठ धाम की राह आसान होती है. - तप, व्रत और ईश्वर का ध्यान करें:
धर्म शास्त्रों के अनुसार, ईश्वर भक्ति का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है. अगर आपने अपने जीवन में श्रद्धा के साथ व्रत रखे हैं, कोई तपस्या की है, या रोज़ाना ईश्वर का नाम जपा है, तो यह आपकी आत्मा को शुद्ध करता है. चाहे आप किसी भी देवी-देवता में विश्वास रखते हों, उनकी सच्ची भक्ति करने से मन को शांति मिलती है. ये धार्मिक कार्य हमें वैकुण्ठ की ओर ले जाने में मदद करते हैं. - गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान:
सनातन धर्म में पवित्र नदियों में स्नान का बहुत बड़ा महत्व है. विशेष रूप से गंगा नदी को मोक्षदायिनी माना जाता है. मृत्यु से पहले, अगर संभव हो, तो एक बार गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान ज़रूर करना चाहिए. यह माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे परमगति प्राप्त होती है. अगर यह संभव न हो, तो मन में इन नदियों का स्मरण करना भी बहुत पुण्यकारी माना गया है. - अपने सभी कर्मों के प्रति पश्चाताप और क्षमा याचना:
इंसान से गलतियाँ होती रहती हैं. लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि आप अपनी गलतियों को पहचानें और उनके लिए पश्चाताप करें. गरुड़ पुराण बताता है कि मृत्यु से पहले हमें अपने सभी अच्छे-बुरे कर्मों का स्मरण करना चाहिए. अगर आपने अनजाने में भी किसी का अहित किया हो, तो मन ही मन उससे क्षमा याचना करें और अगर किसी ने आपके साथ गलत किया हो, तो उसे भी माफ़ कर दें. मन को सभी द्वेषों और नफरतों से मुक्त करना चाहिए. एक शुद्ध मन और शांतिपूर्ण हृदय के साथ ही आत्मा उत्तम लोक में जाती है.
इन बातों को अपनाकर, हम न केवल मृत्यु के बाद एक बेहतर गति प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि जीते-जी एक ज़्यादा संतोषजनक और पुण्यकारी जीवन भी जी सकते हैं.
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