मलेशिया के पूर्व PM नजीब रजाक को 1MDB घोटाले में 15 साल की और जेल, भरना होगा भारी जुर्माना

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News India Live, Digital Desk : मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक को देश के सबसे बड़े वित्तीय घोटाले, 1मलेशिया डेवलपमेंट बरहाद (1MDB) से जुड़े एक अहम भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया है. उन्हें इस मामले में 15 साल कैद की सज़ा सुनाई गई है और 13.5 अरब रिंगिट (लगभग 2.8 अरब अमेरिकी डॉलर) का भारी जुर्माना भी लगाया गया है. नजीब, जिनकी उम्र 72 साल है, को सत्ता के दुरुपयोग के चार और मनी लॉन्ड्रिंग के 21 आरोपों में कसूरवार पाया गया है. यह फैसला कुआलालंपुर हाई कोर्ट ने सुनाया है.

1MDB घोटाला: क्या है पूरा मामला?

नजीब रजाक 2009 से 2018 तक मलेशिया के प्रधानमंत्री रहे थे. उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद 1MDB नामक सरकारी निवेश कोष की स्थापना की थी. प्रधानमंत्री के तौर पर वह इसके सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष भी थे और वित्त मंत्री के रूप में उनके पास कई बड़े फैसलों पर 'वीटो' का अधिकार था. आरोप है कि 2009 से 2014 के बीच, नजीब और उनके सहयोगियों ने इस सरकारी कोष से अरबों डॉलर की हेराफेरी की. अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, लगभग 4.5 अरब डॉलर से अधिक की रकम को मनी लॉन्ड्रिंग के ज़रिए वैध बनाया गया. इसमें से लगभग 700 मिलियन डॉलर (या 2.2 बिलियन मलेशियाई रिंगिट) उनके निजी बैंक खातों में डाले गए थे.

इस पैसे का इस्तेमाल हॉलीवुड फिल्मों में पैसा लगाने, महंगे होटलों, एक आलीशान नौका, कलाकृतियों और आभूषणों जैसी महंगी चीज़ें खरीदने में किया गया था. उस समय के अमेरिकी अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने इसे 'भ्रष्टाचार का सबसे बुरा रूप' बताया था.

सजा और कानूनी लड़ाई

यह 1MDB घोटाले से जुड़ा नजीब का दूसरा बड़ा दोषसिद्धि है. वह पहले से ही 1MDB से जुड़े एक अन्य मामले, SRC इंटरनेशनल केस में 6 साल की सज़ा काट रहे हैं, जिसे 2020 में सुनाई गई 12 साल की सज़ा को बाद में घटाकर 6 साल कर दिया गया था. अगस्त 2022 में उनकी अंतिम अपील खारिज होने के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था, जिसके साथ ही वह जेल जाने वाले मलेशिया के पहले पूर्व प्रधानमंत्री बने थे.

कोर्ट ने अब यह आदेश दिया है कि सत्ता के दुरुपयोग के प्रत्येक आरोप के लिए 15 साल और मनी लॉन्ड्रिंग के प्रत्येक आरोप के लिए 5 साल की जेल की सजाएं एक साथ चलेंगी. इसका मतलब है कि उन्हें इस नए मामले में 15 साल और जेल में रहना होगा, जो उनकी मौजूदा 6 साल की सजा पूरी होने के बाद शुरू होगी. इसके अलावा, अगर नजीब 13.5 अरब रिंगिट का जुर्माना नहीं भरते हैं, तो उन्हें 10 साल की अतिरिक्त जेल का सामना करना पड़ सकता है.

नजीब का बचाव और 'भगोड़ा' फाइनेंसर

नजीब ने लगातार अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है. उनका कहना था कि यह पैसा सऊदी अरब के शाही परिवार से मिला दान था. ट्रायल के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें भगोड़े फाइनेंसर ज्हो लो ने गुमराह किया था, जो 2016 से इंटरपोल की वांछित सूची में है. हालांकि, अदालत ने नजीब के इन तर्कों को खारिज कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ ठोस सबूत हैं.

इस बड़े घोटाले का असर सिर्फ मलेशिया तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका वैश्विक स्तर पर प्रभाव पड़ा. अमेरिकी न्याय विभाग ने भी इस मामले की जांच की, और गोल्डमैन सैक्स जैसे बड़े निवेश बैंक को 1MDB के लिए धन जुटाने में अपनी भूमिका के लिए अरबों डॉलर का जुर्माना भरना पड़ा.

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