Forced conversion will be banned in Chhattisgarh: सीएम साई ने नए कानून का किया ऐलान
News India Live, Digital Desk: छत्तीसगढ़ में अब लोभ लालच और धोखाधड़ी से कराए जाने वाले धर्मांतरण पर सख्त कानूनी नकेल कसने की तैयारी है। राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने धर्मांतरण रोकने के लिए एक नया और मजबूत कानून लाने की घोषणा की है। उनका यह बयान एक ऐसे समय में आया है जब भाजपा अपनी सरकार बनने के बाद "मोदी की गारंटी" घोषणापत्र में किए गए बड़े वादों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री साई ने साफ शब्दों में कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य जनजातीय समुदाय और अन्य कमजोर वर्गों को धर्म परिवर्तन के कुत्सित प्रयासों से बचाना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आदिवासी समाज की अपनी गौरवशाली परंपराएं, रीति-रिवाज और एक अनूठी पहचान है, जिसे किसी भी कीमत पर अक्षुण्ण रखा जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब प्रलोभन देकर या जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। मुख्यमंत्री खुद एक आदिवासी हैं, इसलिए उनका यह बयान आदिवासी समुदाय के संरक्षण के प्रति सरकार की गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
दरअसल, यह मुद्दा छत्तीसगढ़ में लंबे समय से संवेदनशील बना हुआ है। भाजपा अपने घोषणा पत्र में 'मोदी की गारंटी' के तहत धर्मांतरण रोकने के लिए कानून लाने का वादा कर चुकी है। मुख्यमंत्री ने स्मरण कराया कि यह सिर्फ चुनावी वादा नहीं, बल्कि सरकार का नैतिक कर्तव्य है। अतीत में भी पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून बनाने पर चर्चा हुई थी, लेकिन बात किसी ठोस परिणाम तक नहीं पहुंच पाई थी। अब वर्तमान सरकार ने इस लंबित और संवेदनशील मुद्दे पर निर्णायक कदम उठाने का मन बना लिया है।
सीएम साई ने विशेष रूप से नारायणपुर जैसी जगहों का जिक्र किया, जहाँ हाल के दिनों में धर्मांतरण को लेकर तनाव की स्थिति बनी थी। उन्होंने दोहराया कि ऐसी किसी भी "षड्यंत्र" को सफल नहीं होने दिया जाएगा जो छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति और पहचान को मिटाने का प्रयास करता है। यह नया कानून प्रदेश में सामाजिक सद्भाव और शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और साथ ही कमजोर तबके को जबरन या धोखे से धर्म बदलने से बचाने में सहायक होगा।
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