Farah Khan Interview : असली स्टारडम क्या होता है? जब फराह खान ने बताया सफलता का सबसे बड़ा राज़
News India Live, Digital Desk: फराह खान बॉलीवुड की उन हस्तियों में से हैं जो दिल में कुछ नहीं रखतीं. जो सही लगता है, उसे बेबाकी से कह देती हैं. चाहे वो कोई बड़ा सुपरस्टार हो या कोई नया एक्टर, फराह सच बोलने से कभी नहीं कतरातीं. हाल ही में, उन्होंने आजकल के स्टारडम और इंडस्ट्री में टिके रहने के असली मतलब पर कुछ ऐसी बातें कहीं, जो हर किसी को सुननी चाहिए.
उनका मानना है कि कोई एक्टर कितना बड़ा स्टार है, यह उसकी 100-200 करोड़ की फिल्मों से तय नहीं होता. असली स्टारडम की पहचान तो इस बात से होती है कि वह सेट पर एक स्पॉटबॉय या लाइटमैन से कैसे बात करता है.
'मैं स्पॉटबॉय से बात करने के तरीके से स्टार को परखती हूं'
फराह खान कहती हैं, "मेरे लिए कोई कितना सफल है, यह बॉक्स ऑफिस के नंबरों से तय नहीं होता. मेरे लिए असली सफलता और सम्मान इस बात में है कि आप कितने विनम्र हैं और लोगों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं. मैं किसी भी एक्टर को इस बात से जज करती हूं कि वह एक स्पॉटबॉय को कैसे बुलाता है. क्या वह उसे 'ऐ' करके बुलाता है या नाम लेकर इज्जत से बात करता है."
वह बताती हैं कि उन्होंने यह गुण इंडस्ट्री के कुछ सबसे बड़े और पुराने सितारों से सीखा है. "आप शाहरुख खान, अक्षय कुमार, अभिषेक बच्चन या अनिल कपूर को देखिए. ये लोग आज भी इसलिए टिके हुए हैं क्योंकि ये जमीन से जुड़े हैं. ये सेट पर हर किसी से, चाहे वो डायरेक्टर हो या कोई छोटा क्रू मेंबर, एक जैसी विनम्रता से मिलते हैं."
'आजकल के एक्टर्स 10 लोगों की फौज लेकर घूमते हैं'
फराह ने आज की पीढ़ी के एक्टर्स पर तंज कसते हुए कहा, "आजकल के एक्टर्स को मैं देखती हूं, जो अपने साथ 10-10 लोगों की फौज लेकर घूमते हैं और खुद को बहुत जरूरी समझते हैं. लेकिन जो असली स्टार हैं, जैसे जैकी श्रॉफ, वह आज भी सेट पर आते हैं तो हर किसी से गले मिलते हैं, सबका हाल-चाल पूछते हैं. यही चीज उन्हें असली 'स्टार' बनाती है."
कर्म का फल मिलता है
फराह का मानना है कि इंडस्ट्री में आपका व्यवहार ही आपका भविष्य तय करता है. "यह सब कर्म का खेल है. आप जैसा लोगों के साथ बर्ताव करेंगे, वैसा ही आपको वापस मिलेगा. अगर आप अच्छे हैं, विनम्र हैं, तो आप लंबे समय तक टिकेंगे. लोग आपको प्यार और इज्जत दोनों देंगे."
उनके लिए, बॉक्स ऑफिस पर एक-दो फिल्में हिट हो जाना असली सफलता नहीं है. असली सफलता तब है, जब सालों बाद भी लोग आपको आपकी अच्छाई और विनम्रता के लिए याद रखें. यही वह चीज है जो आपको इंडस्ट्री में वास्तव में 'प्रासंगिक' (relevant) बनाए रखती है.
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