झारखंड के 25 साल लाल आतंक का अंत और उम्मीदों का नया सवेरा

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News India Live, Digital Desk : आज जब हम साल 2025 में खड़े होकर पीछे मुड़कर देखते हैं, तो झारखंड का चेहरा बहुत बदला हुआ नजर आता है। इस महीने झारखंड अपनी जवानी की दहलीज पर खड़ा है, यानी राज्य को बने हुए पूरे 25 साल (रजत जयंती) हो गए हैं।

जब सन 2000 में बिहार से अलग होकर यह राज्य बना था, तो इसे विरासत में खनिज संपदा तो मिली थी, लेकिन साथ में मिला था 'नक्सलवाद' (Naxalism) का खौफ।

याद कीजिये वो दौर
एक वक्त था जब रांची से बाहर निकलना किसी जोखिम से कम नहीं था। पलामू, लातेहार, गढ़वा या चाईबासा जैसे इलाकों में शाम ढलते ही सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था। दीवारें लाल रंग के पोस्टर और धमकियों से रंगी होती थीं। 'पुलिस' और 'नक्सली' के बीच पिसती थी तो बस आम जनता। विकास के काम थम जाते थे क्योंकि 'लेवी' (रंगदारी) दिए बिना एक ईंट भी नहीं रखी जा सकती थी।

बूढ़ा पहाड़ की वो ऐतिहासिक जीत
लेकिन पिछले कुछ सालों में, खासकर पिछले 5-7 सालों में, जो बदलाव आया है, वो किसी चमत्कार से कम नहीं है। आपको याद होगा 'बूढ़ा पहाड़', जो कभी नक्सलियों का अभेद किला माना जाता था। वहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता था। आज वहां सुरक्षा बलों का कैंप है और तिरंगा शान से लहरा रहा है।

हमारी पुलिस और CRPF के जवानों ने जिस जज्बे से 'ऑपरेशन ऑक्टोपस' और 'ऑपरेशन डबल बुल' चलाए, उसने नक्सलियों की कमर तोड़कर रख दी। बड़े-बड़े इनामी कमांडर या तो मारे गए या उन्होंने सरेंडर कर मुख्यधारा का रास्ता चुन लिया।

सड़कें पहुंचीं, डर भागा
आज सारंडा के घने जंगलों में भी पक्की सड़कें पहुँच चुकी हैं। जिन गांवों में पहले नक्सली मीटिंग करते थे, वहां अब सरकारी योजनाएं पहुँच रही हैं, स्कूल खुल रहे हैं और मोबाइल के टावर लग रहे हैं। जो लोग डर के मारे पलायन कर गए थे, वो अब धीरे-धीरे अपने खेतों की ओर लौटने लगे हैं।

क्या पूरी तरह खत्म हो गई समस्या?
यह कहना जल्दबाजी होगी कि नक्सलवाद 100% खत्म हो गया है, लेकिन हाँ, यह अपनी "आखिरी सांसें" जरूर गिन रहा है। अब यह एक विचारधारा नहीं, बल्कि छोटे-मोटे अपराधी गिरोहों (Splinter Groups) तक सिमट कर रह गया है जो सिर्फ पैसे के लिए डराते हैं। लेकिन अब गांव के लोग भी जागरूक हो गए हैं और उनका साथ नहीं देते।

झारखंड के ये 25 साल संघर्ष के रहे, लेकिन जीत आखिर लोकतंत्र और विकास की हुई। उम्मीद है कि अगले 25 साल शांति और खुशहाली की नई कहानी लिखेंगे।

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