बत्ती गुल होने वाली है? निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने कसम खा ली है, अब होगी देशव्यापी हड़ताल

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News India Live, Digital Desk : अगर आप सोचते हैं कि बिजली का आना-जाना बस मौसम पर निर्भर करता है, तो आप गलत हैं। आने वाले दिनों में आपके घर की बत्ती गुल होने की वजह 'बादल' नहीं, बल्कि 'आंदोलन' हो सकता है। गोरखपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहाँ बिजली कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की पूरी तैयारी कर ली है।

मामला एकदम गर्म है। बिजली विभाग के इंजीनियर और कर्मचारी गुस्से में हैं और वजह है निजीकरण (Privatization) का डर और लेबर कोड (Labour Code) में होने वाले बदलाव।

गुस्सा क्यों है? (Why are they angry?)

सीधी बात है, कर्मचारियों को लग रहा है कि सरकार बिजली विभाग को प्राइवेट कंपनियों के हाथों में बेचने की तैयारी कर रही है। उनका मानना है कि बिजली जैसी ज़रूरी सेवा, जो हर गरीब और अमीर की ज़रूरत है, उसे मुनाफे के लिए प्राइवेट सेठों को नहीं दिया जा सकता।

इसके अलावा, नए श्रम कानूनों (Labor Laws) को लेकर भी कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि ये नियम उनके हकों को कुचलने वाले हैं। इसीलिए अब दबी जुबान में बातें नहीं हो रहीं, बल्कि खुलम-खुला "इंकलाब" की तैयारी हो रही है।

क्या होने वाला है? (What's the Plan?)

खबरों के मुताबिक, यह हड़ताल कोई छोटी-मोटी नहीं होगी। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉयर्स एंड इंजीनियर्स (NCCOEEE) के बैनर तले एक देशव्यापी हड़ताल (Nationwide Strike) की रणनीति बनाई जा रही है। गोरखपुर में हुई मीटिंग में पदाधिकारियों ने साफ़ कह दिया है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो वे काम ठप कर देंगे।

वे चाहते हैं कि बिजली (अमेंडमेंट) बिल वापस लिया जाए और पुराने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) जैसी सुविधाओं पर भी बात हो।

आम आदमी का क्या होगा?

भाई, जब बिजली वाले हड़ताल पर जाते हैं, तो सबसे ज्यादा पिसती पब्लिक ही है। अगर यह स्ट्राइक हुई, तो हो सकता है कि फॉल्ट ठीक करने वाला कोई न मिले और घंटों अंधेरे में रहना पड़े। यूपी में तो इसका असर अक्सर तगड़ा दिखता है।

अभी तो बैठकों का दौर चल रहा है और जन जागरण अभियान के ज़रिये माहौल बनाया जा रहा है। कर्मचारी घर-घर जाकर और कैंप लगाकर अपनी बात पहुंचा रहे हैं ताकि जनता का भी साथ मिले। अब देखना यह है कि सरकार इनसे बात करके मामला सुलझाती है या फिर हमें मोमबत्तियाँ तैयार रखनी पड़ेंगी।

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