Election Commission : बिहार चुनाव पर रहेगी चील की नजर, EC ने बनाया तगड़ा प्लान, 400 से ज्यादा ऑब्जर्वर रखेंगे हर चीज़ का हिसाब

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News India Live, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव को बिल्कुल साफ-सुथरे और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए चुनाव आयोग (EC) ने कमर कस ली है। इस बार चुनाव में धांधली या किसी भी तरह की गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं होगी, क्योंकि आयोग ने 400 से ज्यादा ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षक) की एक बड़ी फौज तैनात करने का फैसला किया है। ये अधिकारी किसी चील की तरह हर चुनावी गतिविधि पर अपनी पैनी नजर बनाए रखेंगे।

ये ऑब्जर्वर सिर्फ चुनाव के दिन ही नहीं, बल्कि पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान तैनात रहेंगे। नामांकन दाखिल होने से लेकर, प्रचार अभियान, वोटिंग और फिर वोटों की गिनती तक, हर कदम पर इनकी निगरानी होगी।

कौन हैं ये ऑब्जर्वर और क्या होगा इनका काम?

चुनाव आयोग ने अलग-अलग कामों के लिए तीन तरह के ऑब्जर्वर नियुक्त करने का फैसला किया है:

  1. सामान्य ऑब्जर्वर (General Observers): ये सीनियर आईएएस (IAS) अधिकारी होते हैं। इनका मुख्य काम यह देखना होता है कि चुनाव आयोग के सभी नियमों का ठीक से पालन हो रहा है या नहीं। ये पूरी चुनावी प्रक्रिया पर नजर रखते हैं ताकि सब कुछ शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से हो।
  2. पुलिस ऑब्जर्वर (Police Observers): ये सीनियर आईपीएस (IPS) अधिकारी होते हैं। इनकी जिम्मेदारी सुरक्षा व्यवस्था को संभालना होती है। ये देखते हैं कि संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात है या नहीं, और कहीं वोटरों को डराया-धमकाया तो नहीं जा रहा।
  3. व्यय ऑब्जर्वर (Expenditure Observers): ये आईआरएस (IRS) अधिकारी होते हैं और इनका काम सबसे अहम होता है। ये उम्मीदवार और पार्टियों के चुनावी खर्च पर नजर रखते हैं। शराब बांटने, पैसा बांटने या वोट खरीदने जैसी किसी भी गैर-कानूनी गतिविधि को रोकना इनकी मुख्य जिम्मेदारी होती है। ये हर उम्मीदवार के खर्च का पूरा हिसाब-किताब रखते हैं ताकि कोई भी तय सीमा से ज्यादा खर्च न कर सके।

कब और कैसे होगी तैनाती?

जैसे ही चुनाव की अधिसूचना जारी होगी और नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी, इन सभी ऑब्जर्वर को उनके निर्धारित क्षेत्रों में भेज दिया जाएगा। वे चुनाव खत्म होने तक वहीं तैनात रहेंगे और सीधे चुनाव आयोग को अपनी रिपोर्ट भेजेंगे।

चुनाव आयोग के इस कदम से साफ है कि वह बिहार चुनाव को लेकर कितना गंभीर है। इन 400 से ज्यादा अधिकारियों की तैनाती यह सुनिश्चित करेगी कि बिहार की जनता बिना किसी डर और लालच के, अपनी मर्जी से अपनी सरकार चुन सके।

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