Education scam: चित्तौड़गढ़ की मेवाड़ यूनिवर्सिटी पर करोड़ों के फर्जीवाड़े का बड़ा आरोप मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने अचानक मारा छापा
News India Live, Digital Desk: Education scam: चित्तौड़गढ़ के गंगरार स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी (Mewar University, Chittorgarh) अब एक बड़े फर्जीवाड़े (Fraud Allegations) के आरोपों के घेरे में आ गई है, जिसने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. मंगलवार को राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा (Kirodi Lal Meena) ने अचानक संस्थान का औचक निरीक्षण (Surprise Inspection) किया और वहाँ डिग्रियों के वितरण (Fake Degrees) और नियुक्तियों (Irregular Appointments) को लेकर कई गंभीर अनियमितताएं पकड़ीं. मंत्री ने साफ़ तौर पर कहा है कि इस यूनिवर्सिटी में 'पैसे लेकर फर्जी डिग्रियां बांटी जा रही हैं.' सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कई छात्रों को बिना परीक्षा दिए या सिर्फ 8 नंबर मिलने पर भी पास कर दिया गया.
महाराणा प्रताप के नाम को कलंकित किया! – मंत्री मीणा
मंत्री मीणा ने कड़े शब्दों में कहा कि यूनिवर्सिटी ने 'मेवाड़' (Mewar) जैसे गौरवशाली नाम को अपनाकर महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) जैसे महापुरुषों के नाम को कलंकित किया है, और इससे हज़ारों युवाओं का भविष्य (Students' Future in Jeopardy) खराब किया जा रहा है. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इस यूनिवर्सिटी के पास कृषि क्षेत्र में शिक्षण के लिए आवश्यक ICAR (Indian Council of Agricultural Research) की मान्यता अब तक प्राप्त नहीं है. इसके बावजूद, यह संस्थान लगातार 'फर्जी' डिप्लोमा (Fake Diplomas) और डिग्रियां बांटने का गोरखधंधा चला रहा है.
न परीक्षा, न हस्ताक्षर, फिर भी छात्र पास!
निरीक्षण के दौरान, मंत्री को ऐसी 'एग्जाम शीट्स' दिखाई गईं, जिन पर न तो किसी परीक्षक के हस्ताक्षर (Examiner's Signature) थे और न ही उत्तर लिखे गए थे, बावजूद इसके उन छात्रों को पास घोषित कर दिया गया! मंत्री ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक संगठित 'गोरखधंधा' (Organized Racket) है, जिसमें शिक्षा के नाम पर खुलेआम ठगी की जा रही है. उन्होंने घोषणा की है कि इस मामले में कृषि विभाग (Agriculture Department) के माध्यम से FIR दर्ज कराई जाएगी, और एसओजी (SOG – Special Operations Group) से भी पूछताछ (Investigation by SOG) करने की बात कही है, ताकि इस घोटाले की गहराई तक पहुंचा जा सके.
छात्र ने किया बड़ा खुलासा: ₹50,000 दिए, बिना पढ़ाई डिग्री मिली!
मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब बीकानेर निवासी स्वतंत्र बिश्नोई नामक एक छात्र ने मंत्री से सीधे शिकायत (Student's Direct Complaint) की. स्वतंत्र ने बताया कि वह कॉमर्स फील्ड से हैं, लेकिन एक दलाल (Agent) ने उनसे ₹50,000 लेकर मेवाड़ यूनिवर्सिटी में उनका दाखिला करवा दिया. स्वतंत्र के अनुसार, न तो कोई ऑनलाइन क्लास (No Online Classes) हुई और न ही ऑफलाइन पढ़ाई (No Offline Study); उन्हें सीधे एग्जाम के लिए बुलाया गया, और उन्होंने 'बिना कुछ लिखे ही' (Passed Without Writing Exams) फर्स्ट डिविजन में पास कर डिग्री (Degree Without Merit) भी दे दी गई! स्वतंत्र ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया कि जब उसने कुछ लिखा ही नहीं तो उसे पास कैसे किया गया?
नियुक्तियों में भी बड़ा फर्जीवाड़ा: PhD से पहले ही प्रोफेसर बना दिए!
मंत्री मीणा ने सिर्फ डिग्रियों के फर्जीवाड़े का ही नहीं, बल्कि यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों (Fake Appointments in University) में भी बड़े स्तर पर धांधली का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि कई ऐसे प्रोफेसर हैं जिन्हें डॉक्टरेट (PhD Degree) की डिग्री मिलने से पहले ही नौकरी पर रख लिया गया था. उदाहरण के तौर पर, डॉ. निकिता जैन को 2021 में नौकरी दी गई थी, जबकि उन्होंने अपनी पीएचडी 2023 में पूरी की. डॉ. मनोहरलाल मेघवाल और डॉ. रामगोपाल धाकड़ के मामलों में भी नियुक्तियां उनकी डिग्रियां प्राप्त करने से पहले की गई थीं.
मंत्री ने यह भी उजागर किया कि कई पीएचडी डिग्रियों पर नियमों के विपरीत 'रजिस्ट्रार' (Registrar) के हस्ताक्षर हैं, जबकि 'वाइस चांसलर' (Vice Chancellor - VC) के हस्ताक्षर आवश्यक होते हैं. इतना ही नहीं, कुछ उम्मीदवारों को तो एमएससी (M.Sc) और एमटेक (M.Tech) की डिग्री मिलने से पहले ही नियुक्ति पत्र दे दिए गए. उदाहरणस्वरूप, प्राची सिंह को 23 फरवरी 2024 को नौकरी दे दी गई, जबकि उनकी एमएससी की मार्कशीट 25 जून 2024 को बनी थी.
यूनिवर्सिटी की सफाई: "हमने कोई नियम नहीं तोड़ा"
यूनिवर्सिटी की ओर से सफाई में एग्जाम कंट्रोलर डॉ. सीडी कुमावत ने दावा किया कि उन्होंने कोई नियम नहीं तोड़ा है. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी केवल अन्य राज्यों के छात्रों को जेट (JET) परीक्षा के बिना प्रवेश देती है, और स्थानीय छात्रों को JET के माध्यम से ही लेती है. उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों की ऑनलाइन क्लास के वीडियो मौजूद हैं, और संस्थान पूरी तरह पारदर्शी (Fully Transparent) है.
सरकार करेगी सख्त कार्रवाई
हालांकि, मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने स्पष्ट कर दिया है कि इस पूरे मामले में सरकार अब सख्त कार्रवाई करेगी और जांच एजेंसियों (Investigating Agencies) को इसके पीछे की पूरी साजिश को उजागर करने के निर्देश दिए जाएंगे. अब देखना होगा कि शिक्षा के नाम पर चल रही इस कथित ठगी का अंत कब और कैसे होता है, और कितने लोगों पर इसका गाज गिरेगी.
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