Earthquake in Rajasthan Politics : हनुमान बेनीवाल ने क्यों खोला जगदीप धनखड़ के खिलाफ मोर्चा?
News India Live, Digital Desk: Earthquake in Rajasthan Politics : राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर पुराने मुद्दे को लेकर गर्मी बढ़ गई है, और इस बार आमने-सामने हैं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल। बेनीवाल ने धनखड़ पर एक पुराना वादा याद दिलाते हुए तंज कसा है, जिसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
बेनीवाल ने याद दिलाया पुराना 'जाम'
पूरा मामला किसान आंदोलन के समय का है। हनुमान बेनीवाल ने एक बयान में कहा कि जब जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे, तब उन्होंने दिल्ली को 'जाम' करने की बात कही थी। बेनीवाल के मुताबिक, धनखड़ ने कहा था कि "मैं भी अपनी धोती-कुर्ता लेकर दिल्ली जाम में शामिल होने आ रहा हूं।" हनुमान बेनीवाल ने इसी बात को लेकर अब सवाल उठाया है और कहा है कि वे (धनखड़) आज तक उस जाम में शामिल होने नहीं आए।
हनुमान बेनीवाल, जो अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं, पहले भी किसान आंदोलन के मुद्दे पर मुखर रहे हैं। इसी मुद्दे पर उन्होंने एनडीए (NDA) का साथ भी छोड़ दिया था। अब उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर इस तरह की टिप्पणी करके उन्होंने एक नई बहस छेड़ दी है।
क्या हैं इस बयान के मायने?
बेनीवाल के इस बयान को सिर्फ एक राजनीतिक टिप्पणी के तौर पर नहीं देखा जा रहा है। यह जाट वोटों की राजनीति और किसान मुद्दों पर अपनी पकड़ बनाए रखने की एक कोशिश भी है। जगदीप धनखड़ और हनुमान बेनीवाल, दोनों ही जाट समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं। बेनीवाल यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे किसानों के मुद्दों पर आज भी उतने ही अडिग हैं, जितने पहले थे, चाहे सामने कोई भी बड़ा नेता क्यों न हो।
इस बयान के बाद अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि क्या उपराष्ट्रपति कार्यालय या बीजेपी की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया आती है। लेकिन इतना तो तय है कि बेनीवाल के इस एक बयान ने राजस्थान की शांत दिख रही राजनीति में हलचल जरूर पैदा कर दी है।
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