गुजरात के कच्छ में फिर डोली धरती, तड़के 4.4 तीव्रता के भूकंप से सहमे लोग! याद आया 2001 का वो खौफनाक मंजर
आज सुबह-सुबह, जब ज्यादातर लोग अपने घरों में गहरी नींद में सो रहे थे, तभी गुजरात के कच्छ जिले की धरती कांप उठी। घड़ी में सुबह के करीब 4:30 बज रहे थे, जब 4.4 तीव्रता के भूकंप के झटकों ने लोगों को जगा दिया।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने बताया कि भूकंप का केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर अंदर था, जिसकी वजह से झटके ज्यादा महसूस किए गए। NCS ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा, “26/12/2025 को सुबह 4:30 बजे, कच्छ, गुजरात में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया।”
अभी तक किसी बड़े जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है, लेकिन इस भूकंप ने 2001 के उस विनाशकारी भूकंप की भयानक यादें एक बार फिर से ताजा कर दी हैं, जिसने पूरे कच्छ को मलबे के ढेर में बदल दिया था।
कच्छ: देश का सबसे 'संवेदनशील' भूकंप जोन
यह कोई पहली बार नहीं है जब कच्छ में भूकंप आया है। इसी साल अप्रैल में भी यहां 4.3 तीव्रता का भूकंप आ चुका है। गुजरात का यह इलाका भूकंप के मामले में देश के सबसे खतरनाक और संवेदनशील क्षेत्रों में से एक माना जाता है। एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि कच्छ में आज भी एक बड़े भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है।
वो खौफनाक दिन: 26 जनवरी 2001
आज भी 26 जनवरी 2001 की तारीख गुजरात के इतिहास का सबसे काला दिन मानी जाती है। उस दिन कच्छ के भचाऊ में 6.9 तीव्रता का एक ऐसा विनाशकारी भूकंप आया था, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, उस आपदा में 13,800 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी और 1.67 लाख से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
यह भूकंप पिछले 200 सालों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप था। आज के इस झटके ने उन पुरानी और डरावनी यादों को एक बार फिर से कुरेद दिया है।
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