सपनों की पढ़ाई का लोन कहीं सिरदर्द न बन जाए! इन स्मार्ट तरीकों से हल्का करें कर्ज का बोझ
अच्छी और ऊंची शिक्षा पाने के लिए एजुकेशन लोन लेना आज के समय में बहुत आम और जरूरी हो गया है। यह हमें अपने सपनों को पूरा करने का मौका देता है। लेकिन एक बार पढ़ाई खत्म होने के बाद, यही लोन एक बड़ा आर्थिक बोझ भी बन सकता है। कई बार सही जानकारी और प्लानिंग न होने की वजह से लोग सालों तक इसकी किश्तें भरते रहते हैं।
लेकिन थोड़ी सी समझदारी और सही प्लानिंग से आप इस बोझ को काफी हल्का कर सकते हैं। पेश हैं कुछ ऐसी स्मार्ट रणनीतियां, जो आपके एजुकेशन लोन के सफर को आसान बना देंगी।
1. पढ़ाई के दौरान ही कर दें ब्याज पर 'सर्जिकल स्ट्राइक'!
ज्यादातर बैंक पढ़ाई पूरी होने के बाद (जिसे मोरेटोरियम पीरियड कहते हैं) लोन की EMI शुरू करते हैं। लेकिन इस दौरान आपके लोन के मूलधन पर ब्याज लगना जारी रहता है और बाद में यह ब्याज भी आपके मूलधन में जुड़ जाता है, जिससे आपका लोन और बड़ा हो जाता है। अगर संभव हो, तो पढ़ाई के दौरान ही हर महीने सिर्फ लोन के ब्याज की रकम चुकाते रहें। यह छोटी सी रकम भविष्य में आपके लोन की कुल लागत को काफी हद तक कम कर देगी।
2. टैक्स बचाएं, लोन चुकाएं: समझें धारा 80E का जादू
यह एक ऐसी बात है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80E के तहत आप एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इस पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है, यानी आप एक साल में जितना भी ब्याज चुकाते हैं, पूरी रकम पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। यह आपके ऊपर से वित्तीय दबाव कम करने का एक शानदार तरीका है।
3. जब भी मिले मौका, करें 'एक्स्ट्रा' हमला!
अगर आपको नौकरी में बोनस मिलता है या कहीं से अतिरिक्त आमदनी होती है, तो उसे खर्च करने के बजाय अपने लोन का अतिरिक्त भुगतान (Pre-payment) करने में इस्तेमाल करें। छोटी-छोटी अतिरिक्त किश्तें भी आपके लोन की अवधि को काफी कम कर सकती हैं, जिससे आप ब्याज के रूप में हजारों-लाखों रुपये बचा सकते हैं।
4. EMI को करें ऑटोमेट, वरना लगेगी 'लेट फीस' की चोट
एक भी EMI मिस होने का मतलब है लेट फीस और आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर। इससे बचने का सबसे आसान तरीका है ऑटो-डेबिट या ECS सुविधा का इस्तेमाल करना। इससे आपकी EMI हर महीने तय तारीख पर आपके बैंक खाते से अपने आप कट जाएगी और आप कभी डिफॉल्ट नहीं होंगे। साथ ही, अपने खर्चों पर लगाम कसें ताकि EMI के लिए खाते में हमेशा पर्याप्त बैलेंस रहे।
5. मुश्किल में, बैंक से करें खुलकर बात
लोन लेते समय हमेशा अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों और शर्तों की तुलना करें। हो सकता है कोई बैंक आपको बेहतर डील दे रहा हो। इसके अलावा, अगर भविष्य में कभी आपकी नौकरी चली जाती है या कोई और वित्तीय संकट आ जाता है, तो बैंक से छिपने के बजाय सीधे जाकर बात करें। बैंक अक्सर ऐसी स्थितियों में लोन रीस्ट्रक्चरिंग (Loan Restructuring) जैसी सुविधाएं देते हैं, जिससे आपको कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है।
इन तरीकों को अपनाकर आप न सिर्फ एजुकेशन लोन का बोझ कम कर सकते हैं, बल्कि अपने वित्तीय भविष्य को भी सुरक्षित बना सकते हैं।
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