क्रूड ऑयल में नरमी: युद्ध और धमकियों के बीच क्यों गिर रहे हैं दाम? इनसाइड स्टोरी
कच्चे तेल के बाजार में इन दिनों काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। एक तरफ दुनिया भर में जंग का माहौल है, तो दूसरी तरफ तेल की कीमतों में नरमी आ गई है। ताजा खबर यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) लुढ़ककर 63 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया है। वहीं, वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) भी गिरावट के बाद 59 डॉलर से नीचे कारोबार कर रहा है।
आखिर ऐसा क्यों हो रहा है कि तनाव बढ़ने के बावजूद तेल सस्ता हो रहा है? आइए, आसान भाषा में समझते हैं।
पुतिन और अमेरिका की बातचीत: नतीजा सिफर?
बाजार की नजरें रूस और अमेरिका के बीच चल रही 'हाई-प्रोफाइल' बातचीत पर टिकी थीं। क्रेमलिन (रूसी सरकार) का कहना है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राजदूतों (स्टीव विटकॉफ और जेरेड कुशनर) के साथ "बहुत काम की" बातचीत की है। उम्मीद थी कि शायद यूक्रेन युद्ध खत्म होने का कोई रास्ता निकले, लेकिन फ़िलहाल किसी ठोस प्लान पर सहमति नहीं बन पाई है।
इस अनिश्चितता ने ट्रेडर्स को थोड़ा सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आगे क्या होगा।
रूस की चेतावनी: 'जहाज पर हमला किया तो...'
तनाव तब और बढ़ गया जब पुतिन ने एक टीवी चैनल पर खुली चेतावनी दे दी। दरअसल, रूस के एनर्जी एसेट्स (जहाज और रिफाइनरी) पर लगातार हमले हो रहे हैं। पुतिन ने साफ़ कह दिया है कि अगर उनके बेड़े पर हमले बंद नहीं हुए, तो मॉस्को उन देशों के जहाजों को निशाना बनाएगा जो यूक्रेन का साथ दे रहे हैं। यह एक बड़ा बयान है जो समुद्र में तेल की सप्लाई लाइन को खतरे में डाल सकता है।
एक्सपर्ट्स भी हैरान हैं। वेस्टपैक बैंकिंग कॉर्प के रॉबर्ट रेनी कहते हैं, "हैरानी की बात है कि रूस की रिफाइनरियों पर इतने हमलों के बाद भी ब्रेंट क्रूड के दाम और ज्यादा क्यों नहीं बढ़े?"
फिर तेल गिर क्यों रहा है? (असली वजह)
इतने तनाव के बाद तो आग लग जानी चाहिए थी, लेकिन दाम गिरने की मुख्य वजह है- 'इन्वेंट्री' यानी तेल का भंडार।
अमेरिका में तेल का स्टॉक लगातार बढ़ रहा है। एक इंडस्ट्री रिपोर्ट बताती है कि पिछले हफ्ते अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार करीब 2.5 मिलियन बैरल बढ़ गया है। गैसोलीन (पेट्रोल) का स्टॉक भी बढ़ा है। सीधा सा नियम है—जब गोदाम भरे होते हैं, तो कीमतें नीचे आती हैं, भले ही बाहर जंग चल रही हो।
ट्रंप का वेनेजुएला पर डंडा
उधर, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला को लेकर सख्त बयान दिए हैं। उन्होंने कहा कि ड्रग कार्टेल को खत्म करने के लिए वे जमीनी हमले कर सकते हैं। वेनेजुएला भी तेल का बड़ा उत्पादक है, इसलिए वहां की हलचल भी सप्लाई को प्रभावित कर सकती है।
आगे क्या?
बुधवार को अमेरिका अपने सरकारी आंकड़े जारी करेगा, जिससे तस्वीर और साफ़ होगी। फ़िलहाल तो यही लग रहा है कि बाजार युद्ध के डर से ज्यादा 'ज्यादा सप्लाई' (Surplus) को लेकर चिंतित है, और यही वजह है कि दाम नीचे जा रहे हैं।
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