Conscious Eating : माइंडफुल ईटिंग ,सिर्फ भोजन नहीं, बेहतर स्वास्थ्य और तनाव मुक्ति का मंत्र

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News India Live, Digital Desk: Conscious Eating : आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर अपनी सबसे जरूरी आदत, यानी भोजन को, बहुत हल्के में लेते हैं. टीवी देखते हुए, फोन चलाते हुए या काम करते हुए फटाफट खाना खा लेना हमारी आम आदत बन गई है. इसी समस्या का समाधान है 'माइंडफुल ईटिंग'. माइंडफुल ईटिंग का मतलब सिर्फ पेट भरना नहीं, बल्कि खाने के हर पहलू पर ध्यान देना है. यह खाने के साथ आपके शारीरिक और मानसिक जुड़ाव को बेहतर बनाती है, और इसके कई अद्भुत स्वास्थ्य लाभ हैं.

माइंडफुल ईटिंग क्या है? (What is Mindful Eating?)

माइंडफुल ईटिंग एक ऐसी आदत या अभ्यास है जिसमें आप अपने भोजन पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करते हैं. इसमें ये बातें शामिल हैं:

  • भोजन को देखना, सूंघना और महसूस करना: उसके रंग, बनावट, सुगंध पर गौर करना.
  • हर निवाले का स्वाद लेना: जल्दी-जल्दी खाने के बजाय, धीरे-धीरे चबाना और हर स्वाद को महसूस करना.
  • अपने शरीर के संकेतों को समझना: कब आप सच में भूखे हैं और कब आपका पेट भर गया है.
  • बिना किसी बाधा के खाना: खाने के दौरान फोन, टीवी या अन्य distractions से बचना.
  • खाने के अनुभव को एन्जॉय करना: जल्दबाजी और स्ट्रेस से मुक्त होकर भोजन को एक सुखद अनुभव बनाना.

माइंडफुल ईटिंग के स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits of Mindful Eating):

माइंडफुल ईटिंग सिर्फ खाने की आदत नहीं है, यह एक लाइफस्टाइल है जो आपके पूरे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है:

  1. वजन नियंत्रण में सहायक: जब आप अपने शरीर के संकेतों पर ध्यान देते हैं, तो आप जरूरत से ज़्यादा खाने से बचते हैं. यह धीरे-धीरे आपके वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है. आप खाने को भावनात्मक रूप से जोड़ने के बजाय शारीरिक भूख के अनुसार खाते हैं.
  2. पाचन में सुधार: धीरे-धीरे और अच्छी तरह चबाकर खाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है. भोजन आसानी से टूटता है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है और अपच जैसी समस्याएं कम होती हैं.
  3. तनाव और चिंता में कमी (Stress Relief): माइंडफुल ईटिंग आपको वर्तमान पल में रहने में मदद करती है. जब आपका ध्यान खाने पर होता है, तो आप दिनभर की चिंताओं और तनाव से दूर रहते हैं. यह खाने को एक ध्यान प्रक्रिया जैसा बना देता है, जो मानसिक शांति देता है.
  4. भोजन से बेहतर रिश्ता: आप भोजन को दुश्मन के बजाय एक मित्र के रूप में देखने लगते हैं. आप 'गुड' और 'बैड' फूड के टैग हटाकर हर भोजन को उसके पोषक तत्वों और स्वाद के लिए स्वीकार करते हैं.
  5. बढ़ा हुआ संतुष्टि का स्तर: जब आप ध्यान से खाते हैं, तो कम खाने पर भी आप अधिक संतुष्ट महसूस करते हैं. इससे क्रेविंग कम होती है और आप अनाप-शनाप खाने से बचते हैं.
  6. पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण: ठीक से चबाकर खाने से शरीर भोजन से अधिक से अधिक पोषक तत्वों को अवशोषित कर पाता है.

कैसे करें माइंडफुल ईटिंग की शुरुआत?

  • कम से कम एक वक्त का भोजन बिना किसी distraction के करें.
  • धीरे खाएं, हर निवाले को कम से कम 20 बार चबाएं.
  • खाने की सुगंध, बनावट और रंग पर ध्यान दें.
  • पेट भरने पर खाना बंद कर दें, चाहे कितना भी खाना बचा हो.

माइंडफुल ईटिंग एक छोटी सी आदत है जो आपके स्वास्थ्य और मानसिक शांति में बड़ा बदलाव ला सकती है. इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाकर आप न केवल खाने का बेहतर आनंद लेंगे, बल्कि खुद को अंदर से अधिक स्वस्थ और शांत महसूस करेंगे.

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