दिल्ली की हवा का क्लीन सीक्रेट ,10 साल में सबसे साफ जुलाई, जानिए बारिश का कमाल
दिल्ली ने इस जुलाई में पिछले एक दशक की सबसे स्वच्छ हवा (Cleanest Air) का अनुभव किया है। यह एक स्वागत योग्य विकास है, जिसका श्रेय काफी हद तक पूरे महीने भर हुई अविरल वर्षा (Overall Rainfall) को जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 30 जुलाई तक राजधानी का मासिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 79 दर्ज किया गया, जो "संतोषजनक" (Satisfactory) श्रेणी में आता है।
बारिश ने किया हवा का शुद्धिकरण: 17 संतोषजनक और 14 मध्यम दिन
जुलाई के 31 दिनों में से, दिल्ली में 23 दिन बारिश हुई, जिसने दिल्ली की हवा (Air in Delhi) के लिए एक प्राकृतिक शुद्धिकर्ता (natural purifier) का काम किया। इस सुखद मौसम के रुझान (Pleasant Weather Trend) के कारण, दिल्ली ने 17 "संतोषजनक" वायु दिवस और 14 "मध्यम" वायु दिवस देखे। इस दौरान उच्चतम AQI 11 जुलाई को 138 दर्ज किया गया, जबकि 8-9 जुलाई के बीच सबसे कम AQI 56 था।
सरकारी दावे या मौसम का कमाल? पर्यावरण मंत्री और विशेषज्ञ की राय
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री, मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने 23 जुलाई को ही संकेत दिया था कि जुलाई 2025 दिल्ली के दशक की सबसे साफ हवा वाला महीना बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने इस सुधार का श्रेय दिल्ली के बहु-एजेंसी कार्यान्वयन मॉडल, भू-भराव (Landfill) पर निरंतर कार्रवाई, गहन झाड़ू लगाने के अभियान और परिणाम-आधारित शासन (Governance) के प्रति स्पष्ट प्रतिबद्धता को दिया था। अधिकारियों ने यह भी बताया कि 23 जुलाई तक दिल्ली में अच्छी,संतोषजनक, या मध्यम वायु गुणवत्ता (Air Quality) के 118 दिन दर्ज किए जा चुके थे, जो 2024 के पूरे साल के कुल दिनों की संख्या के बराबर था।
विशेषज्ञ की चेतावनी: असली मूल्यांकन सर्दियों में होगा!
हालांकि, हवा प्रदूषण विशेषज्ञ (Air Pollution Specialist) और सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की कार्यकारी निदेशक, अनुमिता रॉयचौधरी (Anumita Roychowdhury) ने सरकार के विशेष श्रेय के दावे पर संदेह जताया है। रॉयचौधरी ने कहा, वायु गुणवत्ता में यह सामान्य वृद्धि वास्तव में मौसम की स्थिति (Meteorological Conditions) का एक कार्य है। जैसा कि हम जानते हैं, मानसून के महीनों (Monsoon Months) के दौरान प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है क्योंकि भारी बारिश के कारण प्रदूषक हवा से वाष्पित हो जाते हैं (washout effect)। इस साल, हमने भारी बारिश की लगातार बौछारें देखी हैं, जिन्होंने निश्चित रूप से योगदान दिया है।
उन्होंने मानसून के मौसम के दौरान सरकार के दीर्घकालिक प्रभाव (Long-term Effect) के बारे में अंतिम निर्णय लेने के खिलाफ भी चेतावनी दी। हमारे पास ऐसे निर्णय लेने के लिए सभी उत्सर्जन डेटा (Emissions Data) नहीं हैं। यह आकलन करने के लिए हमें यह देखना होगा कि सर्दियों के महीनों के दौरान प्रदूषण का स्तर कैसे ठीक होता है, तभी पता चलेगा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदम सही दिशा में हैं या नहीं, उन्होंने आगे कहा।
भारी बारिश का डेटा: दिल्ली का मौसम और AQI
दिल्ली की मुख्य मौसम वेधशाला, सफदरजंग मौसम कार्यालय (Safdarjung weather office) ने बुधवार सुबह 8:30 बजे तक 220.2 मिमी बारिश दर्ज की, जिसने जुलाई के लिए दीर्घकालिक औसत (Long-term Average) 209.7 मिमी को पार कर लिया था। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुधवार शाम 5:30 बजे तक सफदरजंग में अतिरिक्त 15 मिमी बारिश दर्ज की। शहर के अन्य इलाकों में भी हल्की से मध्यम बौछारें देखी गईं। IMD ने शुक्रवार से अगले कुछ दिनों तक बहुत हल्की से हल्की बारिश (Very Light to Light Rain), आंधी-तूफान और बिजली गिरने की भविष्यवाणी की है। बुधवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे के बीच पालम में 28.3 मिमी और पूसा में 12.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
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