China-Russia Friendship : दुनिया ने देखी चीन की ताकत: परेड के बहाने ड्रैगन ने दिए ये 5 बड़े संदेश
News India Live, Digital Desk: China-Russia Friendship : हाल ही में चीन ने अपनी सबसे बड़ी सैन्य परेडों में से एक का आयोजन किया, जिसे पूरी दुनिया ने बड़ी दिलचस्पी से देखा। यह सिर्फ हथियारों का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि चीन ने इस परेड के जरिए अपने दोस्तों और दुश्मनों, दोनों को कुछ साफ़ और कड़े संदेश दिए हैं। आधुनिक मिसाइलों, टैंकों और लड़ाकू विमानों की गड़गड़ाहट के बीच चीन ने दुनिया को यह बताने की कोशिश की है कि अब वो एक ऐसी महाशक्ति है, जिसे कोई नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता। आइए समझते हैं कि इस परेड के पीछे चीन के पांच बड़े संदेश क्या थे।
1. हम अब कमजोर नहीं हैं (खासकर जापान के लिए)
चीन ने इस परेड का आयोजन द्वितीय विश्व युद्ध के अंत की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर किया।इसे "जापानी हमले के खिलाफ चीन की जीत" के तौर पर पेश किया गया, जो सीधे तौर पर जापान को एक चेतावनी थी चीन यह दिखाना चाहता था कि वो 80 साल पहले वाला देश नहीं है। आज उसके पास ऐसी सैन्य ताकत है, जो किसी भी चुनौती का जवाब दे सकती है। यह संदेश खास तौर पर ताइवान के मुद्दे पर जापान को संयम बरतने की एक नसीहत के तौर पर देखा जा रहा है
2. ताइवान 'एक कीड़े' की तरह प्रतिरोध न करे
इस परेड का दूसरा और शायद सबसे बड़ा संदेश ताइवान के लिए था। चीन ने अपने सबसे आधुनिक हथियारों, जैसे हाइपरसोनिक मिसाइलों और ड्रोन, का प्रदर्शन करके यह जताने की कोशिश की कि अगर ताइवान ने आज़ादी की बात की या विरोध करने की कोशिश की, तो उसका अंजाम अच्छा नहीं होगा।चीनी जानकारों के मुताबिक, यह शक्ति प्रदर्शन ताइवान को यह बताने के लिए था कि उसका प्रतिरोध "रथ को रोकने की कोशिश कर रहे एक कीड़े" जैसा ही होगा।
3. अमेरिका और पश्चिमी देशों को सीधी चुनौती
इस परेड में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन जैसे नेताओं की मौजूदगी अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए एक सीधा संदेश था। चीन यह दिखाना चाहता था कि दुनिया में एक नया शक्ति संतुलन बन रहा है, और वह इस नए गुट का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। परमाणु हमला करने में सक्षम F-5C जैसी मिसाइलों का प्रदर्शन करके चीन ने अमेरिका को यह भी बताया कि उसकी ज़मीन भी अब चीन की मिसाइलों की जद से बाहर नहीं है।
4. दोस्तों को भरोसा, दुश्मनों में डर
यह परेड सिर्फ दुश्मनों को डराने के लिए नहीं थी, बल्कि दोस्तों को यह भरोसा दिलाने के लिए भी थी कि चीन एक शक्तिशाली सहयोगी है। दुनिया के 20 से ज्यादा देशों के नेताओं की मौजूदगी यह दिखाती है कि चीन अपने साथ एक नया गठबंधन बना रहा है। चीन को उम्मीद है कि उसकी बढ़ती ताकत को देखकर ज्यादा से ज्यादा देश उसके पाले में आएंगे, क्योंकि उन्हें लगेगा कि भविष्य चीन का ही है।
5. घरेलू जनता को एकजुट करने का प्रयास
इस विशाल आयोजन का एक मकसद देश के अंदर भी था। जब किसी देश की अर्थव्यवस्था थोड़ी मुश्किलों से गुजर रही हो, तो ऐसे राष्ट्रीय गौरव वाले कार्यक्रम लोगों का ध्यान भटकाने और उन्हें सरकार के पीछे एकजुट करने में मदद करते हैं इस परेड के जरिए चीन की सरकार ने अपनी जनता को यह संदेश दिया कि देश बाहरी और आंतरिक रूप से पूरी तरह मजबूत और सुरक्षित है।
कुल मिलाकर, यह परेड चीन की बदलती हुई भूमिका और बढ़ती हुई महत्वाकांक्षाओं का एक बड़ा सबूत थी। चीन ने दुनिया को बता दिया है कि वो अब सिर्फ एक आर्थिक शक्ति ही नहीं, बल्कि एक ऐसी सैन्य महाशक्ति भी है, जो वैश्विक मंच पर अपनी शर्तों पर खेलने के लिए पूरी तरह तैयार है।
--Advertisement--