Chhattisgarh Naxal violence : पुलिस का मुखबिर है, आधी रात को घर से खींचकर ले गए नक्सली और सुना दी मौत की सजा

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News India Live, Digital Desk: Chhattisgarh Naxal violence :  छत्तीसगढ़ के बस्तर का वो इलाका, जहां जंगल की खामोशी अक्सर गोलियों और बारूद की गंध से टूट जाती है। यहां के गांवों में रहने वाले लोगों की किस्मत दो पाटों के बीच पिसती है- एक तरफ पुलिस का दबाव, तो दूसरी तरफ नक्सलियों का खौफ। इसी खौफ की एक और दिल दहला देने वाली कहानी बीजापुर जिले से सामने आई है, जहां नक्सलियों ने सिर्फ शक की बिनाह पर एक किसान को उसके घर से खींचकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया।

उस खौफनाक रात की कहानी

यह वारदात बीजापुर के टारेम थाना क्षेत्र के पेदाकोरमा गांव की है। धनीराम कोरसे, एक आम किसान, सोमवार की रात अपने परिवार के साथ घर में था। गांव में चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था, तभी अचानक 20-25 हथियारबंद नक्सलियों के एक समूह ने उसके घर को घेर लिया।

परिवार कुछ समझ पाता, इससे पहले ही नक्सली धनीराम को जबरन अपने साथ घर से बाहर खींचकर ले गए। परिवार वाले रोते-बिलखते रहे, रहम की भीख मांगते रहे, लेकिन 'लाल आतंक' के आगे उनकी एक न चली। नक्सली उसे गांव से कुछ दूर एक सुनसान जगह पर ले गए और वहां धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी।

लाश के पास मिला 'मौत का फरमान'

अगली सुबह जब गांव वालों को धनीराम का शव मिला तो पूरे इलाके में दहशत फैल गई। शव के पास नक्सलियों ने एक पर्चा भी फेंका था, जिसमें उन्होंने हत्या की वजह बताई थी। उस पर्चे में लिखा था कि धनीराम कोरसे पुलिस का मुखबिर था और पुलिस को नक्सलियों के बारे में जानकारी देता था।

यह नक्सलियों का वही पुराना और आजमाया हुआ तरीका है, जिससे वे पूरे इलाके में अपना खौफ कायम रखना चाहते हैं। वे स्थानीय लोगों को यह संदेश देते हैं कि अगर किसी ने भी पुलिस का साथ देने की हिम्मत की, तो उसका अंजाम भी धनीराम जैसा ही होगा।

पुलिस जांच में जुटी

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। बीजापुर के एएसपी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।

यह घटना एक बार फिर बस्तर के उन अनगिनत बेगुनाहों की कहानी कहती है, जो न इधर के रहते हैं, न उधर के। उनकी जिंदगी का फैसला पुलिस की मुखबिरी के एक शक पर ही हो जाता है, जहां अदालत भी नक्सलियों की होती है और सजा भी वही सुनाते हैं।

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