Buying a house is easy for women: सरकार और बैंक दे रहे हैं ये विशेष रियायतें
भारत का रियल एस्टेट क्षेत्र तेज़ी से बदल रहा है और इस बदलाव में महिलाएँ अहम भूमिका निभा रही हैं। महिलाएँ अब सिर्फ़ आवास के मामले में फ़ैसले लेने वाली नहीं हैं, बल्कि स्वतंत्र रूप से रियल एस्टेट में निवेश करने वाली प्रमुख खरीदार के रूप में उभर रही हैं। एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, 70% महिलाएँ रियल एस्टेट को अपना पसंदीदा निवेश मानती हैं, और उनमें से कई 90 लाख रुपये से ज़्यादा की प्रीमियम या लग्ज़री प्रॉपर्टी खरीदना चाहती हैं। शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव के कारण, कई महिलाओं ने अपना निवेश रियल एस्टेट में स्थानांतरित कर दिया है।
रियल एस्टेट में महिलाओं का बढ़ता निवेश
अपनी आर्थिक स्वतंत्रता और वित्तीय जागरूकता के कारण महिलाएं रियल एस्टेट में ज़्यादा निवेश कर रही हैं। एनारॉक के 2024 की दूसरी छमाही के सर्वेक्षण के अनुसार, 69% महिला खरीदार घर के अंतिम उपयोग के लिए खरीदारी करती हैं, जबकि 31% निवेश के उद्देश्य से संपत्ति खरीदती हैं। शेयर बाजार में निवेश का अनुपात 2022 में 20% से घटकर सिर्फ़ 2% रह गया है। इसके अलावा, महिलाएं प्रीमियम और लग्ज़री घरों को चुन रही हैं, जो उनकी बढ़ती वित्तीय मज़बूती को दर्शाता है।
महिलाओं के लिए विशेष योजनाएँ और रियायतें
सरकार और बैंक महिलाओं के लिए घर खरीदना आसान बनाने के लिए कई योजनाएँ और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं। ये प्रोत्साहन वित्तीय बोझ को कम करते हैं और महिलाओं को रियल एस्टेट में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
1. गृह ऋण पर ब्याज दर में राहत
कई बैंक और वित्तीय संस्थान महिलाओं को होम लोन पर 0.05% से 0.10% तक की ब्याज दर में छूट देते हैं। उदाहरण के लिए, अगर सामान्य ब्याज दर 6.75% है, तो महिलाएं 6.65% पर लोन ले सकती हैं। 50 लाख रुपये के 20 साल के लोन पर, इस छूट से उन्हें 1 लाख रुपये तक की बचत हो सकती है।
2. अधिक ऋण पात्रता
महिलाओं को कम डिफॉल्ट जोखिम वाला माना जाता है, जिससे वे ऋण के लिए अधिक पात्र हो जाती हैं। इसके लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष, स्थिर आय और अच्छा क्रेडिट स्कोर आवश्यक है। यह राहत महिलाओं को उच्च गुणवत्ता वाली संपत्तियां खरीदने में सक्षम बनाती है।
3. स्टाम्प शुल्क में राहत
कई राज्य महिलाओं के नाम पर संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पर स्टांप ड्यूटी में 1-2% की छूट देते हैं। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र 1% और दिल्ली 2% की छूट देता है। इससे संपत्ति खरीदने की शुरुआती लागत कम हो जाती है।
4. कर लाभ
महिला उधारकर्ता आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की पूंजी पर और धारा 24(बी) के तहत 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर कर छूट का लाभ उठा सकती हैं। यदि ऋण पति-पत्नी के संयुक्त नाम पर है, तो दोनों अलग-अलग इस छूट का लाभ उठा सकते हैं।
5. प्रधानमंत्री आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत आर्थिक रूप से कमज़ोर, निम्न आय वर्ग और मध्यम आय वर्ग की महिलाओं को 3% से 6.5% तक की ब्याज सब्सिडी मिलती है। इस योजना के तहत, घर के मालिकाना हक में कम से कम एक महिला का नाम होना अनिवार्य है, जिससे महिलाओं के स्वामित्व को बढ़ावा मिलता है। इस योजना से 2.67 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है।
इन लाभों का उपयोग कैसे करें?
पहचान प्रमाण: पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस
पते का प्रमाण: आधार कार्ड, पासपोर्ट, बिजली बिल या किराये का समझौता
आय प्रमाण: नवीनतम 3 महीने की वेतन पर्ची, बैंक स्टेटमेंट, आयकर रिटर्न
संपत्ति के दस्तावेज़: संपत्ति के कागजात और अन्य आवश्यक दस्तावेज़
ये दस्तावेज पूर्ण एवं अद्यतन होने चाहिए, ताकि ऋण प्रक्रिया में देरी न हो।
रियल एस्टेट में महिलाओं का योगदान
रियल एस्टेट में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी न केवल आर्थिक स्वतंत्रता का, बल्कि सामाजिक बदलाव का भी प्रतीक है। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी के अनुसार, "महिलाओं की बढ़ती आय और आत्मविश्वास उन्हें रियल एस्टेट बाज़ार में बड़ा निवेशक बना रहा है।" इसके अलावा, संपत्ति के आकार, स्थान और बजट के मामले में भी महिलाओं की स्पष्ट प्राथमिकताएँ होती हैं, जो डेवलपर्स की पेशकशों को भी आकार दे रही हैं।
--Advertisement--