Bindu Sarovar : इस जगह पिंडदान की नहीं है जरूरत, सिर्फ पानी देने से ही तर जाते हैं पितर
News India Live, Digital Desk: पितृ पक्ष का नाम आते ही सबसे पहले बिहार के गया का ख्याल आता है, जिसे पिंडदान के लिए सबसे बड़ी और पवित्र भूमि माना गया है. हर कोई चाहता है कि वह अपने जीवन में एक बार गया जाकर अपने पूर्वजों का पिंडदान करे ताकि उनकी आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति हो सके. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में एक ऐसी भी चमत्कारी और रहस्यमयी जगह है, जहां पितरों की मुक्ति के लिए पिंडदान करने की जरूरत ही नहीं पड़ती?
यह सुनकर शायद आपको हैरानी हो, लेकिन यह सच है. यह अनोखी जगह गुजरात के सिद्धपुर में स्थित है, जिसका नाम है बिंदु सरोवर. यह भारत का एकमात्र ऐसा स्थान है जिसे 'मातृ मोक्ष स्थली' के रूप में जाना जाता है.
क्यों खास है बिंदु सरोवर?
इस सरोवर का महत्व हजारों साल पुराना है और इसका जिक्र हमारे पवित्र वेदों और पुराणों में भी मिलता है. मान्यता है कि यहीं पर भगवान विष्णु का तीसरा नेत्र गिरा था, जिससे यह सरोवर बना. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां सिर्फ मां का श्राद्ध किया जाता है, यानी यह 'मातृ गया' के नाम से भी प्रसिद्ध है.
बिना पिंडदान कैसे मिलता है मोक्ष?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी स्थान पर महान ऋषि कपिल मुनि ने अपनी मां देवहूति को सांख्य दर्शन का ज्ञान दिया था. इस ज्ञान को पाकर उनकी मां को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. उसी समय भगवान विष्णु प्रकट हुए और उन्होंने कपिल मुनि को यह वरदान दिया कि जो भी पुत्र इस पवित्र सरोवर के जल से अपनी मां का श्राद्ध (तर्पण) करेगा, उसकी मां को भी मोक्ष मिल जाएगा और उसे मातृ-ऋण से मुक्ति मिल जाएगी.
बस इसी वरदान के कारण, यहां पिंडदान करने की आवश्यकता नहीं होती. यहां आने वाले लोग सिर्फ सरोवर के पवित्र जल से अपने पितरों, खासकर मां के नाम पर तर्पण करते हैं और इतने मात्र से ही पूर्वजों की आत्मा तृप्त होकर मोक्ष को प्राप्त कर लेती है. जो फल गया में पिंडदान करने से मिलता है, वही फल यहां सिर्फ जल-तर्पण से प्राप्त हो जाता है.
इसलिए, अगर आप किसी कारणवश गया नहीं जा पा रहे हैं, तो गुजरात का यह सिद्धपुर बिंदु सरोवर आपके लिए पितरों को शांति दिलाने का एक उत्तम विकल्प हो सकता है.
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