Bihar Politics : आत्मसंतुष्टि के लिए कुत्ते पालती हैं औरतें? बिहार के BJP विधायक के इस बयान पर मचा हड़कंप
News India Live, Digital Desk: राजनीति में नेताओं की जुबान फिसलना आम बात है, लेकिन कभी-कभी कुछ बयान ऐसे होते हैं जो सिर्फ विवादित नहीं होते, बल्कि समाज के मुंह पर तमाचे की तरह लगते हैं। बिहार (Bihar) से आज एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे पढ़कर या सुनकर शायद आपको शर्म आ जाए कि हमारे जनप्रतिनिधियों की सोच ऐसी भी हो सकती है।
मामला बिहार के एक बीजेपी विधायक (BJP MLA) से जुड़ा है, जिन्होंने महिलाओं को लेकर एक बेहद आपत्तिजनक और घिनौना बयान दे दिया है। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक लोगों को गुस्से से भर दिया है।
आखिर नेताजी ने कहा क्या?
दरअसल, यह पूरा मामला कुत्तों (Dogs) और इंसानों के रिश्ते को लेकर हो रही एक चर्चा से जुड़ा था। लेकिन विधायक जी अपनी बात कहते-कहते मर्यादा की सारी रेखाएं लांघ गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विधायक ने कहा कि "आजकल कई महिलाएं, खासकर अमीर और शहरी महिलाएं, आत्मसंतुष्टि (Self-satisfaction) के लिए कुत्तों के साथ सोती हैं।"
जी हां, आपने सही पढ़ा। एक जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति ने महिलाओं के पालतू जानवरों (Pet lovers) के प्रति प्रेम को सीधा उनकी शारीरिक भूख और चरित्र से जोड़ दिया। उनका कहना था कि ये महिलाएं 'निःसंतान' हैं या ऐसा शौक रखती हैं।
हर तरफ हो रही है आलोचना
जैसे ही यह वीडियो या बयान सामने आया, इंटरनेट पर हंगामा मच गया।
- महिलाओं में गुस्सा: सोशल मीडिया पर महिलाएं सवाल पूछ रही हैं कि क्या नेताजी के घर में मां-बहन नहीं हैं? क्या एक पालतू जानवर को पालना या उसके साथ सोना सिर्फ "उसी" नजरिए से देखा जाना चाहिए?
- राजनीतिक घमासान: विपक्षी पार्टियों ने इसे तुरंत लपक लिया है। उनका कहना है कि यही बीजेपी की "नारी शक्ति" का असली सच है। लोग विधायक से सार्वजनिक माफी की मांग कर रहे हैं।
सोच का स्तर कहाँ जा रहा है?
दोस्तों, यह बयान सिर्फ एक "जुबान फिसलने" की घटना नहीं है। यह दिखाता है कि समाज में महिलाओं को लेकर कुछ लोगों की मानसिकता (Mentality) कितनी गंदी हो सकती है। कुत्ते सबसे वफादार जानवर होते हैं, लाखों लोग उन्हें अपने बच्चे की तरह पालते हैं। उसे इस तरह की गंदी सोच के साथ जोड़ना मानसिक दिवालियापन है।
अब देखना होगा कि पार्टी अपने इस बड़बोले विधायक पर क्या कार्रवाई करती है, या फिर हर बार की तरह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
इस घटिया बयान पर आपकी क्या राय है? क्या ऐसे नेताओं को विधानसभा में बैठने का हक़ होना चाहिए?
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