Bihar Politics : प्रशांत किशोर और जन सुराज कार्यकर्ता पटना में गिरफ्तार बिहार विधानसभा तक मार्च की कोशिश विफल

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News India Live, Digital Desk: Bihar Politics : बिहार में राजनीतिक रणनीतिकार से सक्रिय राजनेता बने प्रशांत किशोर और उनके जन सुराज अभियान के कार्यकर्ताओं को पटना में पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। यह घटना तब हुई जब वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए बिहार विधानसभा तक मार्च निकालने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को विधानसभा की ओर बढ़ने से रोका और शांति भंग के आरोप में कई कार्यकर्ताओं के साथ प्रशांत किशोर को भी गिरफ्तार कर लिया।

जन सुराज अभियान पिछले काफी समय से बिहार में जनहित के विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा है। आज का यह प्रदर्शन विशेष रूप से किसानों की समस्याओं, भूमि विवाद, और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर आयोजित किया गया था। प्रशांत किशोर लगातार राज्य में सुशासन और बुनियादी बदलाव की मांग कर रहे हैं। इस विधानसभा मार्च का उद्देश्य इन मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना और जनता को एकजुट करना था।

हालांकि, सुरक्षा व्यवस्था और नियमों को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को विधानसभा के निर्धारित सुरक्षा घेरे के भीतर प्रवेश करने से रोक दिया। जैसे ही जन सुराज के कार्यकर्ता आगे बढ़ने लगे, पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें हिरासत में लेना शुरू कर दिया। प्रशांत किशोर को भी अन्य प्रमुख नेताओं के साथ गिरफ्तार कर पुलिस वैन में ले जाया गया। इस दौरान, प्रदर्शनकारियों ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए और अपनी मांगों को बुलंद किया।

यह घटना दर्शाती है कि प्रशांत किशोर अपने 'पदयात्रा' अभियान के बाद अब जमीनी स्तर पर बड़े आंदोलनों की ओर बढ़ रहे हैं। यह उनके जन सुराज अभियान के राजनीतिक प्रभाव को भी दर्शाता है। पिछले कुछ समय से प्रशांत किशोर लगातार नीतीश कुमार की सरकार और महागठबंधन पर निशाना साध रहे हैं। यह गिरफ्तारी निश्चित रूप से बिहार की राजनीतिक हलचल को और बढ़ाएगी, खासकर आगामी चुनावों के मद्देनजर।

इस घटना के बाद, जन सुराज के कार्यकर्ताओं ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है और इसे उनकी आवाज़ दबाने का प्रयास बताया है। वहीं, पुलिस का कहना है कि उन्होंने नियमों का उल्लंघन करने और शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ ही कार्रवाई की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह गिरफ्तारी बिहार की राजनीति में और क्या मोड़ लाती है और जन सुराज का यह अभियान आगे क्या रूप लेता है।

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