Bihar Elections 2025 : अमित शाह और तेजस्वी में छिड़ी सीधी जंग, जंगलराज पर गरमाई सियासत

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News India Live, Digital Desk : बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल अभी बजा भी नहीं है, लेकिन सियासी मैदान में तलवारें खिंच चुकी हैं। दिल्ली से लेकर पटना तक, नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है, जिसने राज्य का राजनीतिक तापमान अभी से बढ़ा दिया है। इस बार आमने-सामने हैं देश के गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व आरजेडी के युवा नेता तेजस्वी यादव। दोनों तरफ से 'जंगलराज' बनाम 'विकास' के मुद्दे पर तीखे हमले हो रहे हैं।

अमित शाह ने याद दिलाया 'जंगलराज'

भाजपा के 'चाणक्य' कहे जाने वाले अमित शाह ने हाल ही में बिहार की धरती से महागठबंधन पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने अपने भाषण में सीधे तौर पर लालू प्रसाद यादव और आरजेडी के शासनकाल को निशाने पर लेते हुए कहा कि बिहार की जनता उस 'जंगलराज' के दौर को भूली नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर महागठबंधन सत्ता में आया, तो राज्य में फिर से अपहरण, लूट और भ्रष्टाचार का वही पुराना दौर लौट आएगा। शाह ने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार को उस काले दौर से निकालकर विकास की पटरी पर लाने का काम किया है।

तेजस्वी का पलटवार- "10 साल का हिसाब दीजिए"

अमित शाह के इन आरोपों पर तेजस्वी यादव ने भी बिना देर किए पलटवार किया। तेजस्वी ने अमित शाह और केंद्र की मोदी सरकार को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि वो 'जंगलराज' की पुरानी बातें छोड़कर पहले अपने 10 साल के काम का हिसाब दें।

तेजस्वी ने कहा, "आप बार-बार एक ही पुरानी कैसेट बजाते रहते हैं। बिहार की जनता अब विकास, रोजगार, महंगाई और शिक्षा पर बात करना चाहती है। आपने 10 सालों में बिहार को क्या दिया? विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था, उसका क्या हुआ? हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, वो नौकरियां कहां हैं?"

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के पास भविष्य के लिए कोई विजन नहीं है, इसलिए वह लोगों को सिर्फ अतीत का डर दिखाकर वोट लेना चाहती है। तेजस्वी ने दावा किया कि उनकी 17 महीने की सरकार ने जो काम करके दिखाया, वह एनडीए की सरकारें 17 सालों में भी नहीं कर पाईं।

आगे क्या होगा?

इस जुबानी जंग से यह तो साफ हो गया है कि बिहार का अगला विधानसभा चुनाव कितना कांटे का होने वाला है। एक तरफ जहां एनडीए, प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे और केंद्र सरकार के कामों के साथ-साथ 'जंगलराज' के डर को मुद्दा बनाएगी, वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में रोजगार, महंगाई और राज्य के विकास के नाम पर वोट मांगेगा। अब देखना यह है कि बिहार की जनता किसके तर्कों पर ज्यादा भरोसा करती है।

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