Bihar Crime News : पटना की सड़कों पर उबला गुस्सा, जब एक बेटी के लिए जल उठा पूरा गर्दनीबाग

Post

News India Live, Digital Desk: एक माँ-बाप अपनी बेटी को पढ़ा-लिखाकर बड़ा इंसान बनाने का सपना देखते हैं। उसे रोज तैयार करके स्कूल भेजते हैं, इस भरोसे के साथ कि विद्या का मंदिर उसके लिए सबसे महफूज जगह है। लेकिन तब क्या हो, जब वही स्कूल उनकी बेटी की मौत की वजह बन जाए? पटना के गर्दनीबाग इलाके में कुछ ऐसा ही हुआ, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया और लोगों के गुस्से को सड़कों पर ला दिया।

एक रहस्यमयी आग और बुझ गया घर का चिराग

मामला गर्दनीबाग के एक निजी स्कूल का है। यहीं पढ़ने वाली एक छात्रा की कुछ दिन पहले संदिग्ध हालत में जलने से मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि स्कूल में ही कुछ ऐसा हुआ था, जिसके कारण उनकी बेटी ने यह कदम उठाया या उसे इसके लिए मजबूर किया गया। उनका सीधा आरोप स्कूल प्रशासन पर है। अपनी बेटी को खोने के गम और इंसाफ न मिलने की कसक लिए परिवार और उनके जानने वाले सड़कों पर उतर आए।

जब थम गया पूरा शहर

बुधवार की सुबह गर्दनीबाग का नजारा कुछ और ही था। गुस्साए लोगों की भीड़ ने मेन रोड को जाम कर दिया। चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल था। लोग टायरों में आग लगाकर प्रदर्शन कर रहे थे और उनकी सिर्फ एक ही मांग थी - "हमारी बेटी को इंसाफ दो, स्कूल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करो।" देखते ही देखते ये प्रदर्शन हिंसक हो गया।

गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। हालात इतने बेकाबू हो गए कि इस पत्थरबाजी में गर्दनीबाग थाने के एक सब-इंस्पेक्टर शिव नारायण राम बुरी तरह जख्मी हो गए। उनके सिर में गंभीर चोट आई और उन्हें फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया। घंटों तक गर्दनीबाग की सड़कें जंग का मैदान बनी रहीं। गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

गुस्से के पीछे का दर्द

यह हंगामा सिर्फ एक कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है, इसके पीछे एक परिवार का कभी न भरने वाला दर्द है। यह गुस्सा उस सिस्टम के खिलाफ है, जहाँ एक बेटी की जान चली जाती है और परिवार को इंसाफ के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है। यह घटना कई सवाल खड़े करती है:

पुलिस फिलहाल मामले को शांत कराने और जांच करने की बात कह रही है। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब लोगों का भरोसा टूटता है, तो उनका गुस्सा किसी भी हद तक जा सकता है। एक बेटी की मौत ने पूरे पटना शहर के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है - आखिर हमारे स्कूलों में हमारे बच्चे कितने सुरक्षित हैं?

--Advertisement--