आधार कार्ड को लेकर आया बड़ा अपडेट, अब आपकी मर्जी बिना कोई नहीं देख पाएगा पूरी डिटेल

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भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार कार्ड से जुड़े नियमों में एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब आधार वेरिफिएबल क्रेडेंशियल (AVC) नाम से एक नया डिजिटल आईडी विकल्प शुरू किया गया है, जिसका मकसद आपकी पहचान को पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित बनाना और आपकी निजी जानकारी को बेवजह शेयर होने से रोकना है।

ये नए नियम उन सभी संस्थाओं के लिए भी हैं जो बिना UIDAI के सर्वर से सीधे जुड़े, ऑफलाइन तरीके से आपका आधार वेरिफाई करती हैं। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि इस बदलाव का आप पर क्या असर पड़ेगा।

क्या है यह नया AVC और आपको इससे क्या फायदा?

AVC एक तरह का डिजिटल साइन किया हुआ डॉक्यूमेंट है। इसे आप अपने नए आधार ऐप से बना पाएंगे। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसमें आपकी पूरी जानकारी नहीं होती, बल्कि सिर्फ उतनी ही जानकारी होती है, जितनी वेरिफिकेशन के लिए जरूरी है। जैसे:

  • आधार नंबर के सिर्फ आखिरी 4 अंक
  • आपका नाम, पता और जन्मतिथि
  • लिंग और फोटो

सबसे बड़ा फायदा: अब कंट्रोल पूरी तरह आपके हाथ में होगा। जब भी कोई संस्था आपसे वेरिफिकेशन के लिए कहेगी, तो आप खुद तय कर सकेंगे कि आपको अपने बारे में कौन-कौन सी जानकारी उसके साथ शेयर करनी है। UIDAI का नया ऐप आपको यह चुनने का विकल्प देगा कि आप अपना पता, जन्मतिथि या कोई और जानकारी सामने वाली संस्था को दिखाना चाहते हैं या नहीं। इसका सीधा मतलब है कि अब कोई भी आपकी मर्जी के बिना आपकी पूरी आधार डिटेल नहीं देख पाएगा।

अब बिना इंटरनेट के भी होगा चेहरे से वेरिफिकेशन

इस नए बदलाव में एक और शानदार फीचर जोड़ा गया है, जिसका नाम है ऑफलाइन फेस वेरिफिकेशन। इसके तहत, वेरिफिकेशन करने वाली संस्था आपके चेहरे का लाइव फोटो लेकर उसे आपके आधार ऐप में मौजूद फोटो से तुरंत मैच कर लेगी। इसके लिए इंटरनेट कनेक्शन की भी जरूरत नहीं होगी, जिससे दूर-दराज के इलाकों में भी वेरिफिकेशन आसान और सुरक्षित हो जाएगा।

फोटोकॉपी का झंझट होगा खत्म

UIDAI इन बदलावों के जरिए फिजिकल आधार कार्ड और उसकी फोटोकॉपी पर हमारी निर्भरता को कम करना चाहता है। UIDAI के अधिकारियों का भी मानना है कि फिजिकल कॉपी के गलत इस्तेमाल का खतरा हमेशा बना रहता है। यह नया सिस्टम डिजिटल पहचान को बढ़ावा देगा, जो ज्यादा सुरक्षित है।

वेरिफिकेशन करने वाली कंपनियों पर कसी नकेल

UIDAI ने पहली बार उन संस्थाओं (जैसे बैंक, टेलीकॉम कंपनियां) के लिए नियम सख्त कर दिए हैं, जो ऑफलाइन आधार वेरिफिकेशन करती हैं।

  • रजिस्ट्रेशन जरूरी: अब हर उस संस्था को UIDAI के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जो ऑफलाइन वेरिफिकेशन करना चाहती है।
  • जांच के बाद मिलेगी मंजूरी: UIDAI संस्था के आवेदन की पूरी जांच करेगा और संतुष्ट होने के बाद ही उसे रजिस्ट्रेशन देगा।
  • नियम तोड़े तो होगी सख्त कार्रवाई: अगर कोई संस्था वेरिफिकेशन में लापरवाही करती है, आपके डेटा का गलत इस्तेमाल करती है, या UIDAI के निर्देशों का पालन नहीं करती है, तो उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। UIDAI अब ऐसी संस्थाओं पर जुर्माना लगा सकता है, उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर सकता है या उनकी वेरिफिकेशन की इजाजत को भी सस्पेंड कर सकता है।

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