Big setback for Kerala Nuns: दुर्ग कोर्ट से जमानत खारिज, NIA अदालत में सुनवाई का निर्देश बजरंग दल ने मनाया जश्न, संसद में भी गूंजा मुद्दा
News India Live, Digital Desk: Big setback for Kerala Nuns: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में गिरफ्तार की गईं केरल की ननें फिलहाल जेल में ही रहेंगी. बुधवार को उन्होंने दुर्ग की सत्र अदालत में जमानत के लिए अर्जी दी थी, लेकिन अदालत ने इस अर्जी पर विचार करने से ही इनकार कर दिया. सत्र कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उन्हें मानव तस्करी (Human Trafficking) सहित अन्य गंभीर धाराओं के तहत दर्ज मामलों में जमानत याचिका सुनने का अधिकार (Jurisdiction) नहीं है. अदालत ने सलाह दी कि इस मामले को बिलासपुर स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अदालत में ले जाया जाए, जहां ऐसे मामलों की सुनवाई होती है.
जमानत खारिज होते ही बजरंग दल ने मनाया जश्न, लगाए 'जयकारे'
जैसे ही ननों को जमानत नहीं मिलने की खबर फैली, अदालत के बाहर मौजूद बजरंग दल (Bajrang Dal) के कार्यकर्ताओं ने जोरदार जश्न मनाना शुरू कर दिया. बुधवार सुबह से ही ज्योति शर्मा (Jyoti Sharma) जैसे नेताओं सहित बजरंग दल के सदस्य बड़ी संख्या में अदालत परिसर के बाहर जमा हो गए थे. कार्यकर्ताओं ने ननों को जमानत न देने की मांग करते हुए ज़ोरदार नारेबाजी की. सुनवाई के बाद, बजरंग दल के कानूनी प्रतिनिधि बाहर आए और भीड़ को सूचित किया कि जमानत खारिज कर दी गई है. इस घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं ने जयकारे और नारों के साथ उत्साहपूर्वक जश्न मनाया. उन्हें उम्मीद है कि अब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पहलुओं पर एनआईए अदालत में सुनवाई होगी.
संसद से जेल तक गूंजा मुद्दा: विपक्षी सांसदों ने की मुलाकात
ननों की गिरफ्तारी का मुद्दा अब देश की संसद (Parliament) में भी ज़ोरदार तरीके से गूंज रहा है. मंगलवार और बुधवार दोनों ही दिन राज्यसभा (Rajya Sabha) और लोकसभा (Lok Sabha) में इसे उपसभापति (Deputy Chairman) और स्पीकर (Speaker) के समक्ष उठाया गया, जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस भी देखने को मिली.
इसके अलावा, इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) के 4 सांसद मंगलवार को दुर्ग की केंद्रीय जेल (Durg Central Jail) पहुंचे थे और ननों से मुलाकात की. मुलाकात करने वाले सांसदों में केरल से बेनी बहनन, फ्रांसिस जॉर्ज, एनके प्रेमचंदन, अनिल ए थॉमस के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रभारी और कांग्रेस सांसद सप्तगिरी उल्का (Saptagiri Ulaka) और जरिता लैतफलांग (Zarita Laitphlang) भी शामिल हैं. यह सांसद दल ननों से मुलाकात के बाद अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कांग्रेस आलाकमान (Congress High Command) को सौंपेगा. केंद्रीय जेल दुर्ग में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) भी पहुंचे थे और उन्होंने भी इस मामले पर अपनी चिंता जताई थी.
सीएम साय का कड़ा बयान: "मानव तस्करी और प्रलोभन का मामला है, कांग्रेस न करे राजनीति"
इधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnu Deo Sai) ने कांग्रेस पर संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए एक कड़ा बयान जारी किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले की सच्चाई को समझने की ज़रूरत है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मामला प्रलोभन (Inducement) और ह्यूमन ट्रैफिकिंग (Human Trafficking) से जुड़ा है, जिसकी गहन जांच चल रही है. सीएम साय ने बताया कि दुर्ग जिले में पकड़ी गईं दो ननें नारायणपुर जिले (Narayanpur) की आदिवासी बेटियों को नौकरी का झांसा (Job Lure) देकर आगरा ले जा रही थीं. उन्होंने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए कहा कि यह मानव तस्करी और प्रलोभन का एक स्पष्ट उदाहरण है.
मुख्यमंत्री साय ने जोर देकर कहा कि कानून अपना काम करेगा और इस तरह के संवेदनशील मामलों में कांग्रेस को सस्ती राजनीति से बचना चाहिए. उन्होंने छत्तीसगढ़ को शांति का टापू (Island of Peace) बताते हुए धर्मांतरण (Religious Conversion) के खिलाफ अपनी सरकार की सख्त नीति को दोहराया. उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में जल्द ही धर्मांतरण को लेकर नया और सख्त कानून (New Anti-Conversion Law) भी लाया जाएगा, जिससे भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोका जा सके. इस मामले में केरल के भाजपा महासचिव अनूप एंटनी जोसेफ (Anoop Antony Joseph) के गृह मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात करने की भी राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चा है, जिससे मामले का राजनीतिक रंग और गहरा गया है.
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