Big names included in Jan Suraj Party: पूर्व IPS भोजपुरी स्टार, प्रशांत किशोर मजबूत कर रहे अपनी पकड़

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News India Live, Digital Desk: Big names included in Jan Suraj Party:   बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर अपनी जन सुराज पार्टी का लगातार विस्तार कर रहे हैं। इस क्रम में, कई नामचीन हस्तियाँ उनके साथ जुड़ती जा रही हैं, जिनमें पूर्व पुलिस महानिदेशक DGP और भोजपुरी सिनेमा के जाने-माने कलाकार भी शामिल हैं। यह प्रशांत किशोर की पार्टी को जमीनी स्तर पर और अधिक मजबूत करने की उनकी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, बिहार के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार गुप्ता अब जन सुराज के अभियान से जुड़ गए हैं। अशोक कुमार गुप्ता अपने सेवाकाल में एक कड़क और निष्पक्ष अधिकारी के रूप में जाने जाते थे। उनका अनुभव और छवि प्रशांत किशोर के अभियान को प्रशासनिक विश्वसनीयता प्रदान करेगी। एक पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी का राजनीति में प्रवेश निश्चित रूप से चुनावी माहौल में नई बहस छेड़ेगा और जन सुराज को एक अलग पहचान दिलाएगा।

वहीं, भोजपुरी सिनेमा जगत के जाने-माने स्टार रवि किशन ने भी प्रशांत किशोर के साथ जुड़ने का मन बनाया है। रवि किशन एक प्रसिद्ध चेहरा हैं और बिहार व उत्तर प्रदेश में उनकी बड़ी फैन फॉलोइंग है। उनका जुड़ना जन सुराज को युवाओं और ग्रामीण दर्शकों के बीच पैठ बनाने में मदद करेगा। उनकी लोकप्रियता का पार्टी को सीधा फायदा मिल सकता है, खासकर तब जब विधानसभा चुनावों की तारीखें नज़दीक आ रही हों।

इन दोनों बड़े चेहरों का जन सुराज से जुड़ना प्रशांत किशोर की पार्टी की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वह न केवल विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिष्ठित व्यक्तियों को अपने साथ ला रहे हैं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी 'जन सुराज पदयात्रा' के माध्यम से लोगों से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं। इस पदयात्रा ने उन्हें राज्य के हर वर्ग के लोगों से जुड़ने और उनकी समस्याओं को समझने का अवसर दिया है।

यह बताता है कि प्रशांत किशोर सिर्फ एक चुनावी रणनीतिकार नहीं रहे, बल्कि एक ऐसे नेता के रूप में उभर रहे हैं जो हर संभव प्रयास से अपनी पार्टी को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एक मजबूत विकल्प के तौर पर पेश कर सकें। उनकी पार्टी समाज के विभिन्न वर्गों, जिसमें प्रशासन और कला जगत के लोग भी शामिल हैं, से समर्थन जुटाने की कोशिश कर रही है, जिससे भविष्य में बिहार की राजनीति में एक नया समीकरण देखने को मिल सकता है।

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