Beauty Tips : त्वचा पर प्राकृतिक चमक पाने के 3 योग रहस्य जानें ये अद्भुत मुद्राएँ

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News India Live, Digital Desk: Beauty Tips :  हम सभी एक दमकती और स्वस्थ त्वचा की चाहत रखते हैं। इस चाहत को पूरा करने के लिए बाजार में भले ही कितने भी कॉस्मेटिक उत्पाद मौजूद हों, लेकिन असल निखार अंदरूनी स्वास्थ्य से ही आता है। प्राचीन भारतीय योग विज्ञान में ऐसी कई मुद्राएं बताई गई हैं, जो हमारे शरीर को संतुलित करके त्वचा को प्राकृतिक चमक प्रदान करती हैं। ये मुद्राएं न सिर्फ शारीरिक लाभ देती हैं, बल्कि मानसिक शांति भी लाती हैं, जिसका सीधा असर हमारी त्वचा की रंगत और निखार पर पड़ता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही ख़ास मुद्राओं के बारे में, जिनके नियमित अभ्यास से आप पा सकते हैं एक प्राकृतिक और स्थायी सौंदर्य।

सबसे पहले बात करते हैं वरुण मुद्रा की, जिसे जल मुद्रा भी कहते हैं। हमारे शरीर का लगभग 70% हिस्सा पानी से बना है, और जल का संतुलन ही त्वचा की नमी और लचीलेपन के लिए ज़रूरी है। यह मुद्रा शरीर में जल तत्व को नियंत्रित करने में अद्भुत काम करती है। इसे करने के लिए अपनी छोटी उंगली के सिरे को अंगूठे के सिरे से स्पर्श करें और बाकी उंगलियों को सीधा रखें। नियमित अभ्यास से यह शुष्क त्वचा, होंठ फटना, और त्वचा की बेरुखी जैसी समस्याओं को दूर कर सकती है, जिससे आपकी त्वचा में एक प्राकृतिक चमक और हाइड्रेशन बनी रहती है। यह त्वचा को अंदर से नमी प्रदान करती है, जिससे वह स्वस्थ और मुलायम दिखती है।

इसके बाद आती है ज्ञान मुद्रा, जिसे 'मुद्राओं की माता' भी कहा जाता है। यह मुद्रा सिर्फ त्वचा ही नहीं, बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालती है। तनाव और चिंता सीधे तौर पर हमारी त्वचा की चमक को छीन लेते हैं, मुँहासे और अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बनते हैं। ज्ञान मुद्रा के नियमित अभ्यास से एकाग्रता बढ़ती है, दिमाग शांत होता है और तनाव कम होता है। इसे करने के लिए अपनी तर्जनी (अंगूठे के पास वाली उंगली) के सिरे को अंगूठे के सिरे से जोड़ें, और बाकी तीन उंगलियों को सीधा रखें। जब आपका मन शांत होता है, तो वह शांति और सकारात्मकता आपके चेहरे पर स्वाभाविक रूप से दिखाई देने लगती है, जिससे त्वचा और भी निखरी हुई लगती है। यह मुद्रा मानसिक स्वास्थ्य के माध्यम से सौंदर्य को बढ़ाती है।

तीसरी महत्वपूर्ण मुद्रा है मुकुल मुद्रा, जिसे पंचमुखी मुद्रा भी कहते हैं। यह मुद्रा शरीर के सभी आंतरिक अंगों को ऊर्जावान और सक्रिय बनाने में सहायक है। हमारी त्वचा की चमक का सीधा संबंध हमारे शरीर के अंदरूनी सफाई और अंगों के ठीक से काम करने से होता है। मुकुल मुद्रा शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने और आंतरिक सफाई करने में मदद करती है, जिससे पाचन बेहतर होता है और शरीर की गंदगी साफ होती है। इसे करने के लिए अपनी सभी पाँचों उंगलियों के सिरे को अंगूठे के सिरे से स्पर्श करें। जब शरीर अंदर से स्वच्छ होता है, तो उसका प्रभाव आपकी त्वचा पर एक नई रौनक और कांति के रूप में दिखता है। यह मुद्रा एक तरह से आंतरिक डिटॉक्सिफिकेशन का काम करती है, जिसका लाभ तुरंत त्वचा पर दिखाई देता है।

इन सभी मुद्राओं का नियमित अभ्यास, शांत वातावरण में और सही साँस लेने की प्रक्रिया के साथ करना ही इनके अधिकतम लाभों को सुनिश्चित करता है। याद रखें, वास्तविक सौंदर्य केवल ऊपरी परत पर नहीं होता, बल्कि यह अंदरूनी स्वास्थ्य और संतुलन का प्रतिबिंब होता है। इन योग मुद्राओं को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर आप न केवल अपनी त्वचा को चमका सकते हैं, बल्कि एक शांत और स्वस्थ जीवन भी पा सकते हैं।

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