Ayurveda water Drinking Rules : खड़े होकर पानी पीना ,क्या सच में खराब हो जाते हैं घुटने? जानिए इस दावे का पूरा सच
News India Live, Digital Desk: Ayurveda water Drinking Rules :बचपन से हम सबने अपने घर के बड़े-बुजुर्गों से एक बात जरूर सुनी होगी - "खड़े होकर पानी मत पियो, घुटने खराब हो जाएंगे." यह सलाह इतनी आम है कि हम में से ज्यादातर लोग इसे बिना सवाल किए मान लेते हैं. लेकिन क्या इस बात में कोई वैज्ञानिक सच्चाई है, या यह सिर्फ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चली आ रही मान्यता है? आइए, आज इस राज से पर्दा उठाते हैं और जानते हैं कि विज्ञान और आयुर्वेद इस बारे में क्या कहते हैं.
क्या कहती है मॉडर्न साइंस?
अगर हम पूरी तरह से वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें, तो इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि खड़े होकर पानी पीने से सीधे आपके घुटनों पर कोई बुरा असर पड़ता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब हम पानी पीते हैं, तो वह हमारी भोजन नली से होकर सीधे पेट में जाता है. इसके बाद, यह छोटी आंत में पहुंचता है, जहां से यह खून में मिल जाता है और फिर पूरे शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचता है.
पानी का घुटनों में सीधे पहुंचकर उन्हें नुकसान पहुंचाने की बात scientifically possible नहीं है बल्कि, सच तो यह है कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीना हमारे जोड़ों के लिए फायदेमंद होता है. हमारे घुटनों और अन्य जोड़ों के बीच एक तरल पदार्थ होता है जिसे 'सिनोवियल फ्लूइड' कहते हैं. यह फ्लूइड जोड़ों में चिकनाई बनाए रखता है, और पानी इसी फ्लूइड को स्वस्थ रखने में मदद करता है.
तो फिर यह मान्यता आई कहां से?
इस धारणा के पीछे आयुर्वेदिक और पारंपरिक मान्यताएं हैं. आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर की बनावट ऐसी है कि बैठकर किसी भी चीज का सेवन करने से शरीर को अधिकतम लाभ मिलता है.
- पाचन पर असर: आयुर्वेद का मानना है कि जब हम खड़े होकर तेजी से पानी पीते हैं, तो यह पेट की दीवारों पर जोर डालता है और बहुत तेजी से नीचे चला जाता है. इससे पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है और पेट में गड़बड़ी हो सकती है.
- पोषक तत्वों का अवशोषण: ऐसा माना जाता है कि बैठकर घूंट-घूंट करके पानी पीने से शरीर पानी में मौजूद पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से सोख पाता है. खड़े होकर पीने से पानी तेजी से निकल जाता है, जिससे शरीर को पूरा फायदा नहीं मिल पाता
- तरल पदार्थों का संतुलन: कुछ पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, खड़े होकर पानी पीने से शरीर में मौजूद तरल पदार्थों का संतुलन बिगड़ सकता है, जिसका लंबे समय में जोड़ों पर असर पड़ सकता है
तो सही तरीका क्या है?
भले ही विज्ञान सीधे तौर पर घुटनों के खराब होने की बात को न मानता हो, लेकिन यह सच है कि पानी पीने का तरीका हमारी सेहत पर असर डालता है. विशेषज्ञ और आयुर्वेद दोनों ही एक बात पर सहमत हैं कि पानी हमेशा आराम से, बैठकर और घूंट-घूंट करके पीना चाहिए.
- बैठकर पिएं: बैठकर पानी पीने से हमारी मांसपेशियां और नर्वस सिस्टम रिलैक्स रहता है, जिससे पाचन बेहतर होता है.
- घूंट-घूंट करके पिएं: एक साथ गटागट पानी पीने की बजाय, छोटे-छोटे घूंट लें. इससे शरीर को पानी को प्रोसेस करने का सही समय मिलता है.
- जल्दबाजी से बचें: जल्दबाजी में खड़े होकर तेजी से पानी पीने से प्यास भी ठीक से नहीं बुझती.
निष्कर्ष यही है कि खड़े होकर पानी पीने से आपके घुटने रातों-रात खराब हो जाएंगे, यह कहना एक मिथक जैसा हैलेकिन, बैठकर और आराम से पानी पीने की आदत डालना निश्चित रूप से आपके पाचन और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए एक बेहतर विकल्प है
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