August 2025: 5 अगस्त को मनाई जाएगी पुत्रदा एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
- by Archana
- 2025-08-04 12:50:00
News India Live, Digital Desk: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है, और इसमें पुत्रदा एकादशी को अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है, विशेषकर उन दंपतियों के लिए जो संतान सुख की कामना रखते हैं। पंचांग के अनुसार, 2025 में सावन माह की पुत्रदा एकादशी 5 अगस्त 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी। एकादशी तिथि 4 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 5 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, यह व्रत 5 अगस्त को ही रखा जाएगा।
पुत्रदा एकादशी का महत्व:
पद्म पुराण के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों और अपनी संतान के उत्तम भविष्य के लिए रखा जाता है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, पापों का नाश होता है, और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह व्रत न केवल संतान प्राप्ति बल्कि उनकी लंबी आयु, स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य के लिए भी शुभ माना जाता है।
शुभ योग और पारण का समय:
2025 में, पुत्रदा एकादशी के दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो विशेष रूप से पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के लिए फलदायक माना जाता है। इसके अतिरिक्त, ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 04:20 बजे से 05:02 बजे तक) और अभिजीत मुहूर्त (दोपहर 12:00 बजे से 12:54 बजे तक) पूजा के लिए श्रेष्ठ समय माने जा रहे हैं।
व्रत का पारण 6 अगस्त 2025 को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से 08 बजकर 26 मिनट के बीच किया जाएगा।
पूजा विधि:
व्रत रखने वालों को प्रात:काल उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। घर के मंदिर को साफ करके भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान को पीले वस्त्र, फूल, तुलसी दल, धूप, दीप, नैवेद्य (जैसे खीर या फल) अर्पित करें। 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें और कथा सुनें। दिनभर उपवास रखें या फलाहार करें।
यह एकादशी दो बार आती है:
पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है - एक बार पौष मास में (जो 10 जनवरी 2025 को थी) और दूसरी बार श्रावण मास में। श्रावण माह वाली पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व होता है।
--Advertisement--
Tags:
Share:
--Advertisement--