अटल जी ने स्थापित की थी सिद्धांतों की राजनीति अश्विनी शर्मा ने किया नमन
News India Live, Digital Desk : भारत की राजनीति में कुछ नाम ऐसे होते हैं, जिन्हें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देखा जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी उन्हीं महान विभूतियों में से एक हैं. उनका जन्मदिन हाल ही में 'सुशासन दिवस' के रूप में मनाया गया और इस मौके पर पूरे देश ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. पंजाब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने भी अटल जी को याद करते हुए एक बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी ने राजनीति में सिद्धांतों की एक नई परंपरा शुरू की थी. यह बयान सिर्फ एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि मौजूदा राजनीति के लिए एक बड़ा सबक भी है.
क्या कहा अश्विनी शर्मा ने?
पंजाब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने अटल जी के जन्मदिन के अवसर पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि उन्होंने राजनीति को एक नया आयाम दिया था. उन्होंने राजनीति में शुचिता, मूल्यों और सिद्धांतों को स्थापित किया था, जो आज भी प्रासंगिक हैं. शर्मा जी ने यह भी ज़ोर दिया कि अटल जी ने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया, चाहे सत्ता मिले या न मिले. उनकी विचारधारा हमेशा स्पष्ट रही और वह हमेशा देश हित को सर्वोपरि रखते थे.
क्यों ख़ास थी अटल जी की राजनीति?
अटल बिहारी वाजपेयी जी की राजनीति को अक्सर 'अजातशत्रु' की राजनीति कहा जाता है. इसका मतलब है जिसका कोई शत्रु न हो. ऐसा इसलिए क्योंकि वो अपने विरोधियों को भी सम्मान देते थे और हमेशा स्वस्थ बहस में विश्वास रखते थे. उनकी भाषण शैली, उनके सरल और सौम्य स्वभाव, और उनके अडिग निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें जन-जन का प्रिय बना दिया था.
- सर्व-समावेशी: उन्होंने समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की बात कही.
- राष्ट्र-सर्वोपरि: उनके लिए हमेशा राष्ट्रहित सबसे पहले था, चाहे वो विदेशी नीति हो या आंतरिक मुद्दे.
- संवाद और समन्वय: उन्होंने विरोधियों से भी संवाद के रास्ते कभी बंद नहीं किए.
क्या मौजूदा राजनीति को भी इसकी ज़रूरत है?
आज की राजनीति में अक्सर आरोप-प्रत्यारोप और कटुता देखने को मिलती है. ऐसे में अटल जी की 'सिद्धांतों की राजनीति' और उनके आदर्श हमें याद दिलाते हैं कि राजनीति सेवा का माध्यम भी हो सकती है. उनके विचार और उनकी कार्यशैली आज भी हर राजनेता के लिए एक प्रेरणा स्रोत है. यह सिर्फ अश्विनी शर्मा का बयान नहीं है, बल्कि देश की एक बड़ी आवाज़ है, जो आज भी अटल जी को उनके आदर्शों के लिए याद करती है.
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