Astrology Mystery : क्या महिलाओं को शंख बजाना चाहिए या नहीं? पुरानी मान्यताओं के पीछे का सच जानिए

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News India Live, Digital Desk: हमारे भारतीय घरों में सुबह-शाम पूजा की घंटी और शंख की आवाज सुनाई न दे, तो दिन अधूरा सा लगता है। शंख की ध्वनि घर से नेगेटिविटी को दूर भगाती है, ये तो हम सब जानते हैं। लेकिन, अक्सर आपने अपने घर के बड़े-बुजुर्गों को कहते सुना होगा कि- "लड़कियों को या महिलाओं को शंख नहीं बजाना चाहिए।"

कई बार मन में सवाल आता है कि आखिर ऐसा क्यों? क्या इसके पीछे कोई धार्मिक वजह है या यह सिर्फ एक वहम है? और अगर साइंस की मानें तो यह कितना सही है?

आज चलिए, बिना किसी डर या भ्रम के, इस बात की तह तक जाते हैं और समझते हैं कि क्या वाकई महिलाओं का शंख बजाना वर्जित है?

1. धार्मिक मान्यता: आखिर मना क्यों किया जाता है?

पहले बात करते हैं उस तर्क की जो हमें बचपन से दिया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, शंख और माता लक्ष्मी दोनों की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। इसलिए माना जाता है कि शंख और लक्ष्मी जी भाई-बहन हैं।
कुछ विद्वान कहते हैं कि चूँकि शंख 'लक्ष्मी का भाई' है और स्त्रियाँ भी 'घर की लक्ष्मी' मानी जाती हैं, इसलिए लक्ष्मी स्वरूप होकर उसी कुल के शंख को बजाना आदर के खिलाफ माना जाता था। बस इसी मान्यता के चलते पुराने जमाने में महिलाओं को इससे दूर रखा गया।

सच्चाई क्या है: किसी भी प्रमुख हिंदू धर्मग्रंथ या वेद में महिलाओं को शंख बजाने से साफ-साफ मना नहीं किया गया है। यह केवल लोक मान्यताओं और परंपराओं का हिस्सा रहा है। पूजा-पाठ में भक्ति का भाव सबसे ऊपर है।

2. विज्ञान क्या कहता है? (महिलाओं के लिए गुड न्यूज़!)

अब आते हैं काम की बात पर। आज के योग गुरु और डॉक्टर भी मानते हैं कि शंख बजाना महिलाओं की सेहत के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।
अगर आप परंपराओं को थोड़ा साइड में रखकर सेहत की नजर से देखें, तो इसके फायदे आपको चौंका देंगे:

  • थायराइड का रामबाण इलाज: महिलाओं में थायराइड की समस्या आजकल आम है। जब आप जोर लगाकर शंख फूंकते हैं, तो गले की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और वो एक्टिव होती हैं। यह थायराइड ग्लैंड को बैलेंस करने में मदद करता है।
  • ग्लोइंग स्किन (नेचुरल फेशियल): शंख बजाते समय चेहरे की मसल्स खिंचती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। इससे चेहरे पर नेचुरल ग्लो आता है और झुर्रियां (Wrinkles) जल्दी नहीं आतीं।
  • फेफड़े बनते हैं फौलादी: यह एक बेहतरीन 'ब्रीदिंग एक्सरसाइज' है। इससे फेफड़े मजबूत होते हैं और अस्थमा जैसी बीमारियों से बचाव होता है।

3. कब नहीं बजाना चाहिए? (जरूरी सावधानी)

हाँ, यहाँ एक 'Disclaimer' भी जरूरी है। विज्ञान और आयुर्वेद के अनुसार, गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) को शंख बजाने से बचना चाहिए।

  • वजह: शंख बजाने के लिए पेट पर बहुत जोर लगाना पड़ता है, जिससे गर्भ पर दबाव बढ़ सकता है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान इसे अवॉइड करना ही समझदारी है। इसके अलावा, जिन महिलाओं का ब्लड प्रेशर बहुत हाई रहता है, उन्हें भी डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

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