क्रेडिट कार्ड का बिल आते ही सिर्फ आखिरी रकम देखकर भर देते हैं? रुकिए! ये 10 बातें नहीं जाँचीं तो लग सकता है बड़ा चूना

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महीने के आख़िर में जैसे ही क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट की ईमेल आती है, हम में से ज़्यादातर लोग क्या करते हैं? सीधे सबसे नीचे लिखी 'Total Amount Due' (कुल देय राशि) देखते हैं और उसे चुका देते हैं। कुछ लोग तो बस 'Minimum Amount Due' (न्यूनतम देय राशि) देखकर ही ख़ुश हो जाते हैं। अगर आप भी ऐसा ही करते हैं, तो आप अनजाने में एक बहुत बड़ी ग़लती कर रहे हैं, जिसकी क़ीमत आपको हज़ारों रुपयों में चुकानी पड़ सकती है।

क्रेडिट कार्ड का स्टेटमेंट सिर्फ़ एक बिल नहीं है, यह आपके पूरे महीने के ख़र्च का हेल्थ कार्ड है। इसे ध्यान से पढ़ना उतना ही ज़रूरी है, जितना गाड़ी चलाने से पहले फ्यूल चेक करना। तो चलिए, आज आपको बताते हैं वो 10 ज़रूरी चीज़ें जो आपको अपने क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में हमेशा देखनी चाहिए।

1. स्टेटमेंट की तारीख (Statement Date)

यह वह तारीख है जब आपका बिल बनता है। इसी तारीख से आपके महीने भर के ख़र्चों का हिसाब-किताब शुरू और ख़त्म होता है। इसे जानने से आप अपने अगले महीने के बड़े ख़र्चों की प्लानिंग कर सकते हैं।

2. भुगतान की आख़िरी तारीख (Payment Due Date)

यह सबसे ज़रूरी तारीख है। अगर इस तारीख तक आपने बिल नहीं चुकाया, तो बैंक आप पर भारी-भरकम लेट पेमेंट फ़ीस और ब्याज़ लगाता है, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर भी ख़राब होता है।

3. न्यूनतम देय राशि (Minimum Amount Due)

यह एक जाल है! बैंक आपको यह छोटी सी रक़म चुकाकर लेट फ़ीस से बचने का लालच देता है। लेकिन अगर आपने सिर्फ़ इतनी ही रक़म चुकाई, तो बची हुई बड़ी रक़म पर बैंक 40-45% तक का सालाना ब्याज़ वसूलता है। हमेशा पूरी रक़म चुकाने की कोशिश करें।

4. कुल देय राशि (Total Amount Due)

यह वह असली रक़म है जो आपको चुकानी है। इसे हमेशा ध्यान से देखें कि यह आपके अंदाज़े के मुताबिक़ है या नहीं।

5. क्रेडिट लिमिट और उपलब्ध लिमिट (Credit Limit & Available Credit)

इससे आपको पता चलता है कि आपके कार्ड की कुल ख़र्च करने की सीमा कितनी है और बिल बनने के बाद अब आपके पास ख़र्च करने के लिए कितनी रक़म बची है। हमेशा अपनी कुल लिमिट का 30-40% से ज़्यादा ख़र्च करने से बचें, इससे आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा बना रहता है।

6. सभी लेन-देन की लिस्ट (Transaction Details)

यह स्टेटमेंट का सबसे अहम हिस्सा है। यहाँ आपके हर छोटे-बड़े ख़र्च का हिसाब होता है। इसे लाइन-बाय-लाइन पढ़ें। देखें कि क्या कोई ऐसा ख़र्च है जो आपने किया ही नहीं? या किसी दुकानदार ने एक ही पेमेंट दो बार तो नहीं काट ली? कोई भी गड़बड़ी दिखे तो तुरंत बैंक को बताएं।

7. रिवॉर्ड पॉइंट्स (Reward Points)

हर ख़रीदारी पर आपको कुछ पॉइंट्स मिलते हैं। स्टेटमेंट में देखें कि इस महीने आपको कितने पॉइंट्स मिले, आपके पास कुल कितने पॉइंट्स हैं और वे कब तक मान्य हैं। ये पॉइंट्स आपको शॉपिंग वाउचर या छूट दिला सकते हैं, इन्हें बेकार न जाने दें।

8. ब्याज़ और अन्य शुल्क (Interest & Other Charges)

अगर आपने पिछला बिल देर से चुकाया था या सिर्फ़ न्यूनतम रक़म दी थी, तो इस सेक्शन को ध्यान से देखें। बैंक ने कितना ब्याज़ लगाया है, कोई लेट फ़ीस या कोई और छिपा हुआ चार्ज तो नहीं लगा दिया है, यह सब यहीं पता चलता है।

9. आपकी व्यक्तिगत जानकारी (Personal Details)

अपना नाम, पता और संपर्क जानकारी ज़रूर जाँच लें। अगर इसमें कोई भी गड़बड़ी है तो हो सकता है कि कोई ज़रूरी सूचना आप तक पहुँचे ही नहीं।

10. कस्टमर केयर की जानकारी (Customer Care Information)

स्टेटमेंट में हमेशा बैंक के कस्टमर केयर का नंबर और ईमेल दिया होता है। कोई भी धोखाधड़ी या गड़बड़ी होने पर आपको यहीं संपर्क करना होता है।

अगली बार जब क्रेडिट कार्ड का स्टेटमेंट आए, तो 5 मिनट निकालकर इन बातों को ज़रूर जाँचें। यह छोटी सी आदत आपको न सिर्फ़ धोखाधड़ी से बचाएगी, बल्कि आपके हज़ारों रुपए भी बचा सकती है।

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