यूपी में बनेगा एक और गेम-चेंजर एक्सप्रेसवे, 8 घंटे में गोरखपुर से हरियाणा, 22 जिलों की बदलेगी किस्मत

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उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का जाल अब एक नए स्तर पर पहुंचने वाला है। सरकार एक ऐसे विशाल 'ग्रीन कॉरिडोर' के निर्माण की तैयारी कर रही है, जो न सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी यूपी और हरियाणा से सीधे जोड़ देगा, बल्कि 22 जिलों के लिए तरक्की के नए रास्ते भी खोलेगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से नेशनल हाईवे पर गाड़ियों का बोझ कम होगा और पर्यटन को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।

इस नए एक्सप्रेसवे का नाम है गोरखपुर-शामली-पानीपत एक्सप्रेसवे। चलिए जानते हैं इस विशाल प्रोजेक्ट के बारे में सबकुछ।

कैसे होगा इस एक्सप्रेसवे का निर्माण?

इस मेगा प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा करने की योजना है, जिसकी कुल लंबाई करीब 750 किलोमीटर होगी:

  • पहला चरण: पानीपत-शामली से लेकर शाहजहांपुर के पुवायां तक लगभग 450 किलोमीटर का निर्माण।
  • दूसरा चरण: पुवायां से गोरखपुर तक करीब 300 किलोमीटर का निर्माण।

सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसके बनने के बाद गोरखपुर से शामली तक का सफर महज 7 से 8 घंटे में पूरा किया जा सकेगा, जिससे समय और ईंधन दोनों की भारी बचत होगी।

अभी क्या चल रहा है?

फिलहाल, इस एक्सप्रेसवे के रूट को फाइनल करने के लिए तीसरे सर्वे का काम तेजी से चल रहा है, जो अपने अंतिम चरण में है। इस सर्वे से यह तय होगा कि एक्सप्रेसवे का सबसे सीधा और सटीक रास्ता क्या होगा, कहां-कहां पुल, ओवरब्रिज और फ्लाईओवर बनाने की जरूरत पड़ेगी। इस सर्वे रिपोर्ट को तैयार होने में करीब तीन महीने का समय लग सकता है, जिसके बाद इसका फाइनल डीपीआर (Detail Project Report) शासन को भेजा जाएगा।

कहां-कहां से गुजरेगा यह एक्सप्रेसवे?

पहले की योजनाओं में बदलाव करते हुए अब इस एक्सप्रेसवे को एक नए और ज्यादा फायदेमंद रूट से निकालने की तैयारी है। नई योजना के मुताबिक, यह एक्सप्रेसवे नेपाल की सीमा से सटे जिलों से होते हुए लखनऊ, सीतापुर, बरेली और मेरठ के रास्ते शामली तक पहुंचेगा। गोरखपुर जिले में ही यह एक्सप्रेसवे करीब 50 गांवों से होकर गुजर सकता है, जिसके लिए NHAI ने जिला प्रशासन से जमीनों के रिकॉर्ड भी मांगने शुरू कर दिए हैं।

इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी अब अयोध्या एनएचएआई को सौंपी गई है। पहले इसे सिर्फ शामली तक बनाने की योजना थी, लेकिन हरियाणा को भी जोड़ने के लिए इसे पानीपत तक बढ़ा दिया गया है। जैसे ही रूट सर्वे का काम पूरा होगा, इसका फाइनल रास्ता तय कर लिया जाएगा।

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