40 साल तक विदेश नीति में Congress का चेहरा रहे आनंद शर्मा ने Foreign Affairs Chairman पद छोड़ा
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) की विदेश मामलों की अध्यक्षता से इस्तीफा दे दिया है। करीब एक दशक से पार्टी की विदेश नीति की दिशा तय करने वाले शर्मा ने अब यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी छोड़ दी, मगर वह पार्टी की शीर्ष निर्णयकारी समिति , Congress Working Committee (CWC) के सदस्य बने रहेंगे।
युवा नेतृत्व को मौका देने की सलाह
शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखी चिट्ठी में साफ लिखा ,समिति को नए और संभावनाशील युवा नेताओं के हवाले किया जाए, ताकि बेहतर भविष्य और कामकाज की निरंतरता बन सके। उनका कदम कांग्रेस में नए नेतृत्व को तरजीह देने और भावी लीडरशिप को तैयार करने की मंशा दिखाता है।
40 साल की विदेश नीति सेवा , खांटी कूटनीतिज्ञ
आनंद शर्मा ने कांग्रेस के विदेश नीति की दशा-दिशा चार दशकों तक संभाली:
इंडो-US न्यूक्लियर डील के लिए निर्णायक भूमिका निभाई
न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत को waiver दिलाया
India-Africa साझेदारी की नींव रखी और शिखर सम्मेलन करवाए
वाणिज्य मंत्री रहते हुए वे WTO समझौते और बड़े अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर करवा चुके हैं। उनके कार्यकाल में पार्टी ने दुनियाभर की राजनीतिक पार्टियों से संबंध बनाए, लोकतंत्र, समानता और मानवाधिकारों के मूल्यों को आगे बढ़ाया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में नेतृत्व और अफ्रीकी मामलों में पकड़
हाल ही में आनंद शर्मा ने नॉर्थ-ईस्ट आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति उजागर करने के लिए Supriya Sule के नेतृत्व में ऑपरेशन सिंदूर नाम के विदेशी राजनयिक दौरे में भाग लिया। BJP, Congress, AAP, TDP समेत कई दलों के सांसद और पूर्व राजनयिक इस टीम में थे।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने उनकी अफ्रीकी समझदारी और बेहतरीन foreign policy गहरी जानकारी की तारीफ की, जिनका लाभ पूरे डेलीगेशन को मिला।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभावशाली छवि
आनंद शर्मा की विदेश नीति में दिलचस्पी 1980 के दशक में Indian Youth Congress के अध्यक्ष रहते ही शुरू हो गई थी। 1985 NAM युथ कॉन्फ्रेंस, 1987 Anti-Apartheid सम्मेलन, 2007 सत्याग्रह शताब्दी समारोह, 2014 जवाहरलाल नेहरू जयंती सम्मेलन,दुनिया के बड़े नेताओं की मौजूदगी में,उन्हीं के नेतृत्व में हुए।
कांग्रेस के लिए विशेष विदेश नीति विरासत
Sharma इस्तीफा देने के बाद भी कांग्रेस में विदेश नीति और रणनीतिक फैसलों के प्रमुख सलाहकार बने रहेंगे। उनकी decades-long diplomacy और अनुभव पार्टी की foreign policy legacy को नई दिशा देता रहेगा।
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