Ahoi Ashtami 2025: बच्चों की खुशहाली और सफलता के लिए ये खास उपाय दिलाएंगे आशीर्वाद

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News India Live, Digital Desk: Ahoi Ashtami 2025 : माँएं अपने बच्चों की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और सुखमय भविष्य के लिए न जाने कितने व्रत रखती हैं! इन्हीं में से एक बेहद खास और पवित्र व्रत है अहोई अष्टमी का व्रत. ये व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. साल 2025 में, अहोई अष्टमी का ये पावन पर्व मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. संतान के सुख और सौभाग्य के लिए रखा जाने वाला ये व्रत, माताओं के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है.

ज्योतिष शास्त्र में अहोई अष्टमी व्रत के कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से आपकी संतान को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और उनका जीवन खुशियों से भर जाता है. आइए जानते हैं कौन से हैं वे अचूक उपाय:

अहोई अष्टमी के शुभ मुहूर्त:

  • अष्टमी तिथि शुरू: 13 अक्टूबर 2025 को शाम 06 बजकर 56 मिनट पर
  • अष्टमी तिथि समाप्त: 14 अक्टूबर 2025 को शाम 06 बजकर 40 मिनट तक
  • पूजा का शुभ मुहूर्त: 14 अक्टूबर 2025 को शाम 05 बजकर 50 मिनट से शाम 07 बजकर 05 मिनट तक
  • तारों को देखने का समय: शाम 06 बजकर 15 मिनट
  • चंद्रोदय का समय: रात 12 बजकर 12 मिनट

संतान की खुशहाली और सफलता के लिए अहोई अष्टमी के खास उपाय:

  1. स्वस्थ संतान के लिए: अगर आपकी संतान अक्सर बीमार रहती है, तो अहोई अष्टमी के दिन शाम को अहोई माता की पूजा करें. उन्हें हलवा, पूरी और गुड़ का भोग लगाएं. फिर अहोई माता को सफेद फूलों की माला अर्पित करें. कहते हैं कि इससे अहोई माता प्रसन्न होती हैं और आपकी संतान को स्वास्थ्य का आशीर्वाद देती हैं.
  2. उज्जवल भविष्य के लिए: बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए पूजा के बाद अहोई माता को कुछ बताशे चढ़ाएं. पूजा पूरी होने के बाद, उन बताशों को प्रसाद के रूप में अपने बच्चे को खिलाएं. यह उपाय बच्चों की बुद्धि और ज्ञान को बढ़ाने वाला माना जाता है.
  3. सौभाग्य और समृद्धि के लिए: अपने बच्चों के सौभाग्य और घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए अहोई अष्टमी की शाम को तुलसी के पौधे के सामने शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं. साथ ही 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें. इस उपाय से आपके घर में बरकत आती है और संतान का भाग्य मजबूत होता है.
  4. पढ़ाई में सफलता के लिए: यदि आपका बच्चा पढ़ाई में कमजोर है या एकाग्रता की कमी महसूस करता है, तो अहोई अष्टमी के दिन सुबह नहा धोकर गणपति बप्पा की पूजा करें. उन्हें दूर्वा अर्पित करें और 'गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करें. फिर एक सफेद कागज पर 'जय गणेश' लिखकर बच्चे की स्टडी टेबल पर चिपका दें. कहते हैं, इससे बच्चे का मन पढ़ाई में लगता है.
  5. बच्चे की हर इच्छा पूर्ति के लिए: अहोई अष्टमी पर अहोई माता के मंदिर में एक लाल धागा अर्पित करें. फिर वही धागा अपने बच्चे की कलाई पर रक्षा सूत्र के रूप में बांध दें. ऐसा करने से बच्चा हर विपदा से सुरक्षित रहता है और उसकी हर जायज इच्छा पूरी होने का रास्ता खुल जाता है.

अहोई अष्टमी का ये व्रत सिर्फ एक रीति-रिवाज नहीं, बल्कि माताओं की गहरी आस्था और वात्सल्य का प्रतीक है. ये उपाय सच्चे मन से करने पर अहोई माता का आशीर्वाद हमेशा आपके बच्चों के साथ बना रहता है.

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