Agriculture Minister : उत्तर प्रदेश में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का औचक निरीक्षण कार्य में लापरवाही पर भड़के अधिकारियों को लगाई फटकार

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News India Live, Digital Desk: Agriculture Minister :  उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज बलरामपुर जिले में विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए एक औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान, कार्य की गुणवत्ता में कमी और अधिकारियों द्वारा की गई लापरवाही देखकर उनका पारा चढ़ गया और उन्होंने तत्काल संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उनकी इस सख्त कार्रवाई ने यह साफ कर दिया कि प्रदेश सरकार विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगी।

घटना उस वक्त हुई जब कृषि मंत्री राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के एक डिस्पेन्सरी भवन के निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रहे थे। निर्माण की स्थिति देखकर मंत्री शाही बहुत नाखुश हुए। उन्होंने विशेष रूप से घटिया स्तर की लकड़ी के उपयोग पर गहरा आपत्ति जताई, जिसका उपयोग खिड़कियों और दरवाजों में किया जा रहा था। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्ट शब्दों में अधिकारियों से कहा कि 'सड़े-गले' और 'ख़राब क्वालिटी' की लकड़ी को तुरंत हटा दिया जाए। यह टिप्पणी सीधे तौर पर कार्य में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की गुणवत्ता पर थी और इस बात को उजागर कर रही थी कि नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था।

कृषि मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में चेताया कि यदि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से नहीं कर सकते, तो सरकार उनके लिए ऐसे कठोर निर्णय ले सकती है जिनकी वे उम्मीद भी नहीं करते। उन्होंने मौके पर मौजूद सभी संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों को हिदायत दी कि निर्माण कार्य में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री और workmanship (काम की गुणवत्ता) के साथ किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका लक्ष्य स्पष्ट था: विकास कार्य समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे होने चाहिए, जिससे जनता को वास्तविक लाभ मिल सके।

मंत्री शाही ने केवल कृषि विभाग के कार्यों का ही निरीक्षण नहीं किया, बल्कि जलशक्ति मिशन के तहत चल रहे हर घर नल योजना के कामों की प्रगति की भी समीक्षा की। उनका यह दौरा इस बात का भी प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा दे रही है और सुनिश्चित कर रही है कि जन-कल्याणकारी योजनाएं जमीनी स्तर पर सही ढंग से लागू हों। उनकी सख्त टिप्पणी अधिकारियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि उन्हें अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर होना होगा और गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करना होगा।

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