घर में किसी की मृत्यु के बाद शेयर और म्यूचुअल फंड ट्रांसफर कराना हुआ आसान, SEBI ने बदल दिए नियम

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परिवार में किसी को खोने का दर्द बहुत बड़ा होता है। और इस दुःख के साथ वित्तीय मामलों, खासकर शेयर, म्यूचुअल फंड या बॉन्ड, को उत्तराधिकारियों के नाम हस्तांतरित करने की लंबी और जटिल कागजी कार्रवाई भी आती है। पहले, यह प्रक्रिया इतनी जटिल थी कि लोगों को महीनों, यहाँ तक कि सालों तक जूझना पड़ता था।

लेकिन अब आपको इस परेशानी से छुटकारा मिलने वाला है। मार्केट रेगुलेटर SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने इस पूरी प्रक्रिया को सरल, सीधा और तेज बनाने के लिए नए नियम जारी कर दिए हैं।

यह नए नियम उन हजारों परिवारों के लिए एक बड़ी राहत बनकर आए हैं, जो अपने किसी प्रियजन के निधन के बाद उनके निवेश को अपने नाम कराने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

 

अब तक क्या थी सबसे बड़ी मुश्किल?

मान लीजिए, किसी व्यक्ति के डीमैट खाते (Demat Account) में नॉमिनी (Nominee) का नाम दर्ज है। उनकी मृत्यु के बाद, वो सारे शेयर्स या म्यूचुअल फंड्स नॉमिनी के नाम पर तो आ जाते थे। लेकिन असली दिक्कत तब शुरू होती थी, जब उन सिक्योरिटीज को असली कानूनी वारिसों (Legal Heirs) के बीच बांटना होता था।

इस प्रक्रिया के लिए नॉमिनी को हर कानूनी वारिस से अलग-अलग दस्तावेज इकट्ठा करने पड़ते थे, कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते थे और हर कंपनी या एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के अपने-अपने नियमों का पालन करना पड़ता था। इसमें बहुत समय, पैसा और ऊर्जा बर्बाद होती थी।

 

SEBI ने क्या किए हैं नए और बड़े बदलाव?

SEBI ने अब इस पूरी प्रक्रिया को सेंट्रलाइज्ड और स्टैंडर्डाइज्ड कर दिया ਹੈ, ताकि लोगों को भटकना न पड़े। नए नियमों के मुताबिक:

  1. अब बार-बार दस्तावेज देने का झंझट खत्म:
    अब नॉमिनी को सिर्फ एक ही बार, या तो किसी भी डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (जैसे Zerodha, Upstox) के पास या फिर किसी भी म्यूचुअल फंड हाउस/RTA (जैसे CAMS, KFintech) के पास सभी कानूनी वारिसों के दस्तावेज जमा कराने होंगे।
  2. एक जगह से ही होगा सारा काम:
    एक बार जब आप एक जगह पर सारे जरूरी दस्तावेज (जैसे- वसीयत, सक्सेशन सर्टिफिकेट, और सभी वारिसों के KYC) जमा कर देंगे, तो वही दस्तावेज सभी कंपनियों के लिए मान्य होंगे। आपको हर कंपनी के पास अलग-अलग जाकर वही कागज फिर से जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
  3. पूरी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन और पारदर्शी:
    यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, जिससे आप घर बैठे ही अपने आवेदन को ट्रैक कर पाएंगे और इसमें पूरी पारदर्शिता बनी रहेगी।

इन बदलावों का सीधा मतलब है: कम भागदौड़, कम कागजी कार्यवाही और जल्दी काम।

SEBI का यह कदम न केवल नॉमिनी और कानूनी वारिसों के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि यह फाइनेंशियल सिस्टम में लोगों का भरोसा भी बढ़ाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि किसी व्यक्ति की मेहनत की कमाई, उसके जाने के बाद, बिना किसी परेशानी के उसके असली हकदारों तक पहुंच सके।

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