Afghanistan फिर कांपा! 6.2 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से थर्राया हिंदुकुश, पाकिस्तान तक महसूस हुए झटके; भारी तबाही की आशंका
नई दिल्ली। अफगानिस्तान का हिंदुकुश क्षेत्र रविवार देर रात एक बार फिर 6.2 की तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप से थर्रा उठा। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि इन्हें दूर पाकिस्तान और ईरान तक महसूस किया गया। यह भूकंप ठीक उसी संवेदनशील इलाके में आया है, जहां कुछ महीने पहले ही आए एक विनाशकारी भूकंप ने 800 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी। इस ताजा भूकंप ने एक बार फिर पिछली त्रासदी की दर्दनाक यादों को ताजा कर दिया है।
भूकंप के संभावित विनाशकारी प्रभाव को देखते हुए, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने अपने PAGER सिस्टम के तहत 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है। यह अलर्ट इस बात का गंभीर संकेत है कि "क्षेत्र में भारी संख्या में लोगों के हताहत होने की संभावना है और यह आपदा संभावित रूप से बहुत व्यापक हो सकती है।"
कहां था भूकंप का केंद्र?
USGS के अनुसार, भूकंप का केंद्र उत्तरी अफगानिस्तान में मजार-ए-शरीफ शहर के पास खुल्म के पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में 22 किलोमीटर दूर, जमीन से 28 किलोमीटर की गहराई में था। भारतीय समयानुसार, यह भूकंप सोमवार को देर रात 12:59 बजे आया। इसके झटके अफगानिस्तान की राजधानी काबुल, ईरान के मशहद और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद तक महसूस किए गए। हालांकि, यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (EMSC) के अनुसार, अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं मिली है।
लौटा 800 मौतों का खौफ
इस शक्तिशाली भूकंप ने 31 अगस्त को आई उस त्रासदी की यादें ताजा कर दी हैं, जब इसी क्षेत्र में 6.0 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था। तालिबान सरकार के अनुसार, उस भूकंप में 800 लोगों की मौत हो गई थी और यह इस क्षेत्र का 2023 के बाद का सबसे घातक भूकंप था। उस आपदा के कारण कई इलाकों में भूस्खलन हुआ, सड़कें तबाह हो गईं और 6,700 से अधिक घर जमींदोज हो गए थे।
क्यों बार-बार कांपता है हिंदुकुश क्षेत्र?
अफगानिस्तान भूकंपीय रूप से एक बेहद सक्रिय क्षेत्र में स्थित है, और यहां भूकंप आना एक आम घटना है। दरअसल, हिंदुकुश पर्वत श्रृंखला दो विशाल टेक्टोनिक प्लेटों - यूरेशियन और भारतीय प्लेट - के जंक्शन (मिलन बिंदु) पर स्थित है। ये दोनों प्लेटें लगातार एक-दूसरे से टकरा रही हैं और खिसक रही हैं। इसी जबरदस्त भूगर्भीय हलचल के कारण यह क्षेत्र अत्यधिक अस्थिर है, जिससे यहां बार-बार शक्तिशाली भूकंप आते हैं और भयंकर तबाही मचाते हैं।
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