Battle Against Pollution: दिल्ली का 2027 तक EV शेयर 25% पहुंचाने का लक्ष्य

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News India Live, Digital Desk: Battle Against Pollution:  दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण से निपटने और राजधानी को स्वच्छ ऊर्जा वाली परिवहन व्यवस्था देने के लिए अपनी महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति में संशोधन करने जा रही है। इसका मकसद एक उन्नत 2.0 संस्करण पेश करना है, जिससे दिल्ली इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में देश का नेतृत्व कर सके।

2020 में लॉन्च की गई दिल्ली की पहली EV नीति बेहद सफल रही है। इसने न सिर्फ शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल लाया, बल्कि इसका सीधा फायदा यह हुआ कि प्रदूषण के स्तर को कम करने में भी मदद मिली। वर्तमान में, कुल वाहन बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत से अधिक हो गई है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी ज़्यादा है। इस सफलता से उत्साहित दिल्ली सरकार अब एक दीर्घकालिक और अधिक व्यापक योजना के साथ आगे बढ़ना चाहती है।

मौजूदा नीति मार्च 2024 में समाप्त हो रही है, ऐसे में दिल्ली सरकार भविष्य की ज़रूरतों को देखते हुए नई और अधिक महत्वाकांक्षी 'दिल्ली EV नीति 2.0' लाने की तैयारी में है। इसका मुख्य लक्ष्य 2027 तक शहर में बिकने वाले कुल वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 25 प्रतिशत तक पहुंचाना है। इस नई नीति का फोकस केवल निजी वाहनों पर नहीं रहेगा, बल्कि इसे एक व्यापक दृष्टिकोण दिया जा रहा है। बैटरी स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता होगी, ताकि चार्जिंग से जुड़ी चिंताओं को दूर किया जा सके। यह माना जा रहा है कि बैटरी बदलने की सुविधा बढ़ने से दोपहिया और तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोगकर्ता इसे आसानी से अपना पाएंगे। निजी खिलाड़ियों को भी बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

इसके अलावा, ई-साइकिल और इलेक्ट्रिक कार्गो वाहनों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो शहरी माल ढुलाई में क्रांति ला सकते हैं। सार्वजनिक और निजी स्थानों पर फास्ट चार्जिंग सुविधाओं को और अधिक सघन किया जाएगा, ताकि चार्जिंग पॉइंट तक पहुँच आसान हो। शहरी माल ढुलाई और डिलीवरी सेवाओं में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष प्रावधान किए जाएंगे। नई नीति में बसों, स्कूलों के वाहनों और टैक्सी फ्लीट में इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने के लिए नए प्रोत्साहन दिए जाएंगे। साथ ही, उपभोक्ता जागरूकता और कौशल विकास पर भी ज़ोर दिया जाएगा, ताकि लोग आसानी से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपना सकें और इस क्षेत्र में रोज़गार के नए अवसर पैदा हों। दिल्ली सरकार का मानना है कि यह नीति न सिर्फ पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद करेगी, बल्कि इससे स्वच्छ ऊर्जा परिवहन के क्षेत्र में भी नई नौकरियों का सृजन होगा और राजधानी सही मायनों में इलेक्ट्रिक वाहन राजधानी के रूप में स्थापित हो पाएगी।

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