Zelensky's big announcement: अमेरिका खरीदेगा यूक्रेनी लड़ाकू ड्रोन 30 अरब तक का हो सकता है करार
News India Live, Digital Desk: Zelensky's big announcement: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एक बड़ा दावा किया है जो यूक्रेन के रक्षा उद्योग और अमेरिका के साथ उसके संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। उन्होंने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) यूक्रेन से $30 अरब डॉलर तक के लड़ाकू ड्रोन खरीदने की योजना बना रहा है। यह संभावित सौदा दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को और गहरा करेगा, विशेष रूप से ऐसे समय में जब यूक्रेन रूस के साथ चल रहे युद्ध में अपने बचाव तंत्र को मजबूत करने का लगातार प्रयास कर रहा है।
यह समझौता, यदि अंतिम रूप ले लेता है, तो यह यूक्रेन के उभरते हुए घरेलू रक्षा उद्योग के लिए भी एक बड़ी जीत होगी, जिससे यह देश केवल हथियार प्राप्त करने वाले से हथियार निर्माता और संभावित निर्यातक के रूप में उभरेगा। रूसी आक्रमण के बाद से, यूक्रेन ने ड्रोन के विकास और उपयोग में अभूतपूर्व प्रगति की है, जिन्हें आधुनिक युद्ध में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इन ड्रोनों का उपयोग टोही, निगरानी, हमला और यहां तक कि आपूर्ति के लिए भी किया जाता है, जिससे वे युद्ध के मैदान में एक बहुमुखी और प्रभावी हथियार बन गए हैं।
ज़ेलेंस्की लगातार घरेलू हथियार उत्पादन पर ज़ोर दे रहे हैं ताकि विदेशी सहायता पर निर्भरता कम हो सके। इस महत्वाकांक्षी डील का संकेत देते हुए, उन्होंने यह भी बताया कि यूक्रेन न केवल सैन्य सहायता पर निर्भर रहना चाहता है, बल्कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति के रूप में विकसित होना चाहता है। यदि यह सौदा पूरा होता है, तो यह अमेरिका द्वारा यूक्रेन को दीर्घकालिक समर्थन का एक स्पष्ट संकेत होगा और यह भी दर्शाएगा कि वाशिंगटन अब यूक्रेन की युद्धकालीन ज़रूरतों के लिए न केवल सैन्य सहायता प्रदान कर रहा है, बल्कि उसे एक भरोसेमंद रक्षा उत्पादक के रूप में भी देख रहा है।
यह वैश्विक रक्षा व्यापार में भी एक नया अध्याय खोल सकता है, जहां यूक्रेन भविष्य में ड्रोन तकनीक का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन सकता है। ज़ेलेंस्की का यह बयान, हालाँकि विवरण अभी स्पष्ट नहीं हैं, दर्शाता है कि यूक्रेन अपने रक्षा क्षमता को मजबूत करने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने के लिए कितना गंभीर है। यह समझौता न केवल यूक्रेन की अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित हो सकता है, बल्कि पश्चिमी देशों के लिए एक रणनीतिक साझेदार के रूप में इसकी भूमिका को भी मजबूती प्रदान करेगा।
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