Youth Revolution in Nepal : 5 वजहें जिन्होंने केपी शर्मा ओली की सरकार को घुटनों पर ला दिया
News India Live, Digital Desk: Youth Revolution in Nepal : नेपाल में जो हुआ, वह सिर्फ एक राजनीतिक बदलाव नहीं था, बल्कि दशकों से जमे हुए गुस्से का ज्वालामुखी था जो सड़कों पर फट पड़ा।केपी शर्मा ओली की सरकार का गिरना इस बात का सबूत है कि जब देश की युवा पीढ़ी जागती है, तो सबसे ताकतवर सत्ता भी हिल जाती है। 'जेन-जी' के नाम से पहचाने जाने वाले इन युवाओं ने बिना किसी बड़े नेता के, पूरे देश के राजनीतिक तंत्र को चुनौती दे दी और सफल भी हुए।
आइए समझते हैं उन पांच बड़ी वजहों को, जिन्होंने नेपाल में इस ऐतिहासिक जन-आंदोलन की नींव रखी।
1. सोशल मीडिया पर प्रतिबंध: आखिरी कील
हर बड़े आंदोलन के पीछे एक तात्कालिक कारण होता है, और नेपाल में यह वजह बना सरकार का सोशल मीडिया पर बैन लगाने का फैसला। केपी शर्मा ओली की सरकार ने 4 सितंबर, 2025 को फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह कहते हुए बंद कर दिया कि वे नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। लेकिन युवाओं ने इसे अपनी आवाज को दबाने की एक सीधी कोशिश के तौर पर देखा भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और नेताओं की फिजूलखर्ची जैसे मुद्दों पर बात करने का यही सबसे बड़ा जरिया था, और इसे छीनते ही युवाओं का सब्र टूट गया और वे सड़कों पर उतर आए।
2. भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें
नेपाल में भ्रष्टाचार एक ऐसी समस्या बन चुका था जिससे हर आम नागरिक, खासकर युवा, परेशान था। उन्हें लग रहा था कि सरकारी दफ्तरों में छोटे से छोटे काम से लेकर बड़ी योजनाओं तक, हर जगह घूसखोरी और भाई-भतीजावाद हावी है युवाओं में यह गुस्सा बढ़ता जा रहा था कि वे जो टैक्स चुकाते हैं, उसका इस्तेमाल देश के विकास में नहीं, बल्कि नेताओं की जेबें भरने में हो रहा है इस सड़ी-गली व्यवस्था को बदलने की चाहत इस आंदोलन के मूल में थी।
3. 'नेपो किड्स' की ऐशो-आराम की जिंदगी
इस आंदोलन की आग को भड़काने में 'नेपो किड्स' (नेताओं के बच्चों) ने आग में घी का काम किया। एक तरफ देश का युवा नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा था, वहीं दूसरी ओर राजनेताओं के बच्चे सोशल मीडिया पर अपनी महंगी गाड़ियों, आलीशान पार्टियों और विदेश यात्राओं की तस्वीरें दिखा रहे थे।[इन तस्वीरों ने युवाओं के मन में गहरी असमानता और गुस्से की भावना पैदा की। उन्हें साफ दिखने लगा कि यह नेता और उनके परिवार आम जनता की मेहनत की कमाई पर ऐश कर रहे हैं
4. बेरोजगारी और अंधकारमय भविष्य
नेपाल में युवा बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है, जिसकी दर 20% से भी ज्यादा हैअच्छी शिक्षा और डिग्रियां होने के बावजूद युवाओं के पास नौकरी के अवसर नहीं थे, जिस कारण लाखों युवाओं को काम की तलाश में विदेश जाना पड़ता है सरकार की नीतियों में उन्हें अपने भविष्य के लिए कोई उम्मीद नहीं दिख रही थी, जिसने उनके भीतर गहरी हताशा और आक्रोश भर दिया था।[
5. दशकों की राजनीतिक अस्थिरता
नेपाल लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है। यहां सरकारें बनती और गिरती रहती हैं, लेकिन आम आदमी की समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं एक ही चेहरे बार-बार सत्ता में आते-जाते देखकर लोग थक चुके थे युवाओं को यह महसूस होने लगा था कि पूरा राजनीतिक तंत्र ही नाकाम हो चुका है और अब सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है।
इन सभी कारणों ने मिलकर नेपाल में एक ऐसी क्रांति को जन्म दिया, जिसका नेतृत्व किसी स्थापित नेता ने नहीं, बल्कि देश की युवा पीढ़ी ने किया। यह सिर्फ एक सरकार का गिरना नहीं, बल्कि एक पूरी पीढ़ी की वो अंगड़ाई थी, जो अपना भविष्य अपने हाथों में लिखने के लिए उठ खड़ी हुई थी।
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