सर्दियों में जानलेवा हुआ यमुना एक्सप्रेसवे! न फॉग लाइट, न रिफ्लेक्टर... कोहरे में भगवान भरोसे आपका सफर
मथुरा: सर्दियों ने दस्तक दे दी है, और इसके साथ ही कोहरे ने भी अपनी चादर बिछानी शुरू कर दी है। लेकिन देश के सबसे आधुनिक माने जाने वाले यमुना एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुरक्षा रामभरोसे छोड़ दी गई है। नोएडा से आगरा तक 165 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे पर कोहरे में वाहनों को रास्ता दिखाने वाले जरूरी इंतजाम नदारद हैं, जिससे यह मौत का एक्सप्रेसवे बनता जा रहा है।
13 साल पहले जब इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन हुआ था, तो विश्व स्तरीय सुविधाओं का दावा किया गया था। लेकिन हकीकत यह है कि आज भी यहां सुरक्षा के नाम पर भारी लापरवाही बरती जा रही है।
एक्सप्रेसवे पर क्या-क्या हैं जानलेवा खामियां?
- गायब हैं रिफ्लेक्टर: रेलिंग पर रात के वक्त गाड़ी की लाइट में चमकने के लिए जो लाल और पीले रंग के रिफ्लेक्टर लगाए गए थे, उनमें से ज्यादातर गायब हो चुके हैं या टूट गए हैं।
- धुंधली पड़ी सफेद पट्टी: सड़क पर लेन बताने वाली सफेद पट्टी भी जगह-जगह से मिट चुकी है, जिससे रात और कोहरे में ड्राइवरों को सड़क का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है।
- टूटी पड़ी रेलिंग: कई जगहों पर एक्सप्रेसवे की साइड वाली रेलिंग (फेंसिंग) टूटी हुई है, जिससे आवारा जानवर सीधे सड़क पर आ जाते हैं और हादसों का सबब बनते हैं।
- खराब पड़े CCTV और स्पीड पर नो-कंट्रोल: दावा है कि ज्यादातर सीसीटीवी कैमरे खराब हैं और गाड़ियों की स्पीड पर कोई नियंत्रण नहीं है, जिससे फर्राटा भरते वाहन मौत को दावत देते हैं।
ड्राइवरों और यात्रियों का क्या है कहना?
टैक्सी ड्राइवर देवेंद्र बाबा कहते हैं, "यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे में सफर करना मौत से खेलने जैसा है। कब, कौन सी गाड़ी कहां टकरा जाए, कुछ पता नहीं चलता।"
बस चालक छैलबिहारी शर्मा का कहना है, "जब घना कोहरा होता है, तो सामने कुछ भी दिखाई नहीं देता। रिफ्लेक्टर न होने से सड़क का अंदाजा ही नहीं लगता।"
यह सिर्फ ड्राइवरों की नहीं, बल्कि हर उस यात्री की पीड़ा है जो इस एक्सप्रेसवे से गुजरता है। हर साल सर्दियों में दर्जनों वाहन टकराते हैं और कई जानें जाती हैं, लेकिन एक्सप्रेसवे अथॉरिटी और पुलिस कोई सबक लेने को तैयार नहीं हैं।
क्या होने चाहिए इंतजाम?
विशेषज्ञों का मानना है कि हादसों को रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से ये कदम उठाए जाने चाहिए:
- पूरी सड़क पर फॉग लाइट और चमकने वाले रिफ्लेक्टर लगाए जाएं।
- बिना रिफ्लेक्टर टेप वाली गाड़ियों पर टोल पर ही टेप लगाए जाएं।
- टोल प्लाजा पर अनाउंसमेंट के जरिए ड्राइवरों को धीरे और सावधानी से गाड़ी चलाने के लिए जागरूक किया जाए।
जब तक ये कदम नहीं उठाए जाते, तब तक इस एक्सप्रेसवे पर आपका सफर भगवान भरोसे ही है।
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