रिटायरमेंट पर क्या आपको मिलेंगे 50 लाख रुपये? नियमित आय के लिए ऐसे करें निवेश

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रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा हर व्यक्ति की मुख्य चिंता होती है। अगर आपके पास 50 लाख रुपये का फंड है और उसका सही प्रबंधन किया जाए, तो इससे अगले 25-30 साल तक के खर्च आसानी से पूरे किए जा सकते हैं। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे पहले आपको हर महीने आवश्यक आय की योजना बनानी चाहिए और उसके अनुसार निवेश की रणनीति बनानी चाहिए।

पूंजी सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करें

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि किसी भी हालत में पूंजी कम नहीं होने देनी चाहिए। इसके लिए फिक्स्ड डिपॉजिट, उच्च-रेटेड बॉन्ड, वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाएँ, एन्युइटी और डेट म्यूचुअल फंड में निवेश एक अच्छा विकल्प है। इन निवेशों से लगभग 8% CAGR का रिटर्न मिल सकता है। हालाँकि, केवल निश्चित आय पर निर्भर रहने से मुद्रास्फीति और करों के कारण लंबे समय में धन की कमी हो सकती है।

इक्विटी में निवेश के लाभ

विशेषज्ञों का सुझाव है कि फंड का 25-40% हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, निकासी दर इक्विटी की वृद्धि दर से कम रखी जानी चाहिए। इसके लिए, म्यूचुअल फंड की सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (SWP) का उपयोग करना एक स्मार्ट विकल्प है। लार्ज-कैप फंड, बैलेंस्ड फंड और मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड में निवेश सुरक्षित और लाभदायक रहता है।

इक्विटी से दीर्घकालिक रिटर्न

इक्विटी निवेश से लंबी अवधि में लगभग 12% CAGR का रिटर्न मिल सकता है। मल्टी-एसेट फंड और डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड को 'ऑल-सीज़न फंड' माना जाता है, जिनमें शेयर, डेट, सोना और चांदी में निवेश करने की सुविधा होती है। टैक्स के लिहाज से भी इक्विटी निवेश फायदेमंद है। नई कर व्यवस्था के तहत, 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय कर-मुक्त है, जबकि दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 12.5% ​​और अल्पकालिक पर 20% कर लगता है।

निश्चित आय और SWP का संतुलन

इस तरह, निवेशक फिक्स्ड इनकम पोर्टफोलियो से सालाना लगभग 4.8 लाख रुपये प्राप्त कर सकते हैं, जबकि शेष राशि SWP के माध्यम से इक्विटी फंडों से आती रहेगी। इस संतुलित दृष्टिकोण से हर महीने नियमित आय प्राप्त होगी, निवेश पर कोई दबाव नहीं होगा और चक्रवृद्धि ब्याज (कंपाउंडिंग) के लाभों के कारण फंड 25-30 वर्षों तक सुरक्षित रह सकता है।

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