हेल्थ की दुनिया का नया सुपरस्टार 'माचा', क्या ग्रीन टी से हो जाएगी छुट्टी?
पिछले कुछ सालों से जब भी हेल्थ और फिटनेस की बात होती है, तो एक ड्रिंक का नाम हम सबके दिमाग में सबसे पहले आता है - ग्रीन टी! वजन घटाने से लेकर इम्युनिटी बढ़ाने तक, इसे सेहत का 'सुपरहीरो' माना जाता रहा है।
लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इस 'सुपरहीरो' को टक्कर देने के लिए मार्केट में एक नया, ज़्यादा चमकीला और ज़्यादा पावरफुल compétitor आ गया है। इसका नाम है 'माचा टी' (Matcha Tea)।
आजकल आप हर फैंसी कैफे और हेल्थ इन्फ्लुएंसर के सोशल मीडिया पर इस चटक हरे रंग की चाय को ज़रूर देखते होंगे। इसने हेल्थ-फ्रीक लोगों के बीच एक तूफान सा ला दिया है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या माचा चाय वाकई में ग्रीन टी से बेहतर है? और इन दोनों में आखिर फर्क क्या है? चलिए, आज इस हरे रंग की पहेली को सुलझाते हैं।
पहले समझिए, आखिर ये हैं क्या चीज़?
मज़ेदार बात यह है कि माचा और ग्रीन टी, दोनों ही एक ही पौधे (Camellia sinensis) की पत्तियों से बनते हैं। फर्क है तो बस उन्हें उगाने और बनाने के तरीके में।
- ग्रीन टी: चाय की पत्तियों को सुखाया जाता है और फिर गर्म पानी में डालकर इसका अर्क (infusion) पिया जाता है। हम पत्तियां फेंक देते हैं।
- माचा टी: चाय के पौधों को कटाई से कुछ हफ्ते पहले छांव में रखा जाता है। फिर इनकी पत्तियों को सुखाकर पत्थर में पीसकर एक महीन पाउडर बना लिया जाता है। इसमें हम पूरी की पूरी पत्ती को घोलकर पी जाते हैं!
तो कौन है ज़्यादा फायदेमंद? माचा या ग्रीन टी?
जब लड़ाई टक्कर की हो, तो पॉइंट्स पर बात करना ही सही है:
1. एंटीऑक्सीडेंट का 'बाहुबली' - माचा
यह सबसे बड़ा फर्क है। एंटीऑक्सीडेंट वो यौगिक होते हैं जो हमारे शरीर को बीमारियों और बुढ़ापे से बचाते हैं। क्योंकि माचा में हम पूरी पत्ती पीते हैं, एक स्टडी के मुताबिक, एक कप माचा में ग्रीन टी के मुकाबले 10 गुना ज़्यादा एंटीऑक्सीडेंट हो सकते हैं!
- विजेता: माचा
2. कैफीन की किक - ज़्यादा, पर बेहतर
अगर आपको सुबह-सुबह जगाने के लिए एक अच्छी किक चाहिए, तो माचा बेहतर है। इसमें ग्रीन टी से ज़्यादा कैफीन होता है। लेकिन इसमें L-theanine नाम का एक अमीनो एसिड भी होता है, जो कैफीन को धीरे-धीरे रिलीज करता है। इससे आपको कॉफी की तरह घबराहट वाली एनर्जी नहीं, बल्कि शांत और फोकस्ड (calm-alert) रहने वाली एनर्जी मिलती है।
- विजेता: माचा
3. वजन घटाने में कौन बेहतर? - मामला टाई
दोनों ही चायें मेटाबॉलिज्म को तेज़ करने और फैट बर्न करने में मदद करती हैं। कुछ स्टडीज़ में माचा को थोड़ा सा बेहतर बताया गया है, लेकिन कुल मिलाकर दोनों ही इस मामले में लगभग बराबर का असर दिखाती हैं।
- विजेता: टाई
4. स्वाद का मामला - अपनी-अपनी पसंद
यह पूरी तरह से आपकी पसंद पर निर्भर करता है।
- ग्रीन टी का स्वाद हल्का, थोड़ा घास जैसा और ताज़गी भरा होता है।
- माचा का स्वाद ज़्यादा मलाईदार (creamy), थोड़ा मीठा और गाढ़ा होता है।
5. जेब पर कौन पड़ेगा भारी? - ग्रीन टी
यहाँ माचा बुरी तरह हार जाता है। क्योंकि इसे उगाने और बनाने में बहुत मेहनत लगती है, इसलिए अच्छी क्वालिटी की माचा चाय ग्रीन टी के मुकाबले 4 से 5 गुना तक महंगी हो सकती है।
- विजेता: ग्रीन टी
आखिरी फैसला:
तो क्या आपको अपनी ग्रीन टी फेंककर माचा ले आना चाहिए?
बिलकुल नहीं!
अगर बजट की कोई समस्या नहीं है और आप सेहत के फायदे को एक 'लेवल अप' ले जाना चाहते हैं, तो माचा एक बेहतरीन विकल्प है।
लेकिन अगर आप एक आसान, सस्ता और फिर भी बहुत फायदेमंद विकल्प चाहते हैं, तो आपकी पुरानी और भरोसेमंद ग्रीन टी आज भी एक सुपरस्टार है।
आखिर में, दोनों ही अपनी-अपनी जगह चैम्पियन हैं। बस अपनी ज़रूरत, स्वाद और बजट के हिसाब से अपना चैम्पियन चुनें!
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