शादी-ब्याह पर क्यों लग जाता है एक महीने का ब्रेक? समझिए क्या होता है खरमास

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News India Live, Digital Desk: हमारे घरों में जब भी किसी शादी-ब्याह या कोई बड़ा शुभ काम करने की बात आती है, तो पंडित जी सबसे पहले पंचांग देखकर मुहूर्त निकालते हैं. लेकिन साल में एक ऐसा महीना आता है, जब इन सभी शुभ कामों पर अपने आप रोक लग जाती है. आपने भी बड़े-बुजुर्गों से सुना होगा, "अभी खरमास चल रहा है, कोई मांगलिक काम नहीं होगा."

आखिर ये खरमास क्या है और इस दौरान ऐसा क्या होता है कि सभी शुभ कार्य बंद हो जाते हैं? चलिए, आज इस बारे में सरल भाषा में जानते हैं ताकि आपके मन में कोई भ्रम न रहे.

क्या है खरमास का मतलब?

यह कोई डरने वाली या अशुभ बात नहीं है. यह एक खगोलीय और ज्योतिषीय घटना है. हमारे सौर मंडल में सूर्य ऊर्जा और आत्मा के प्रतीक हैं, और बृहस्पति (गुरु) को ज्ञान, सौभाग्य और शुभता का ग्रह माना जाता है.

ज्योतिष के नियमों के अनुसार, जब सूर्य देव एक चक्कर लगाते हुए अपने गुरु, यानी बृहस्पति की राशि (धनु या मीन) में प्रवेश करते हैं और वहां एक महीने के लिए रहते हैं, तो इस समय को 'खरमास' या 'मलमास' कहा जाता है.

माना जाता है कि जब सूर्य अपने गुरु के घर में होते हैं, तो वे उनकी सेवा में समर्पित हो जाते हैं, जिससे उनकी अपनी ऊर्जा (तेज) कुछ कम हो जाती है.

शुभ काम क्यों नहीं किए जाते?

किसी भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन या नया व्यापार शुरू करने के लिए सूर्य और गुरु, दोनों ग्रहों का मजबूत होना बहुत ज़रूरी है. जब सूर्य की ऊर्जा कम होती है और गुरु का प्रभाव भी थोड़ा धीमा हो जाता है, तो इस समय किए गए कार्यों को शुभ फलदायी नहीं माना जाता. यही वजह है कि ज्योतिष शास्त्र इस एक महीने की अवधि में कोई भी बड़ा और नया काम करने की सलाह नहीं देता.

खरमास कब से लग रहा है?

इस साल यानी 2025 में, खरमास 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है. इस दिन सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे. यह खरमास अगले साल, 14 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति के दिन समाप्त होगा, क्योंकि इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे. इसके बाद ही दोबारा शहनाइयां बजनी शुरू होंगी और अन्य शुभ कार्य आरंभ होंगे.

खरमास में क्या करें और क्या करने से बचें?

ये काम भूलकर भी न करें:

  • शादी-विवाह: खरमास में विवाह करना वर्जित माना गया है.
  • नया घर या वाहन खरीदना: इस दौरान नई संपत्ति, वाहन या कीमती सामान खरीदने से बचना चाहिए.
  • गृह प्रवेश: नए घर में प्रवेश (गृह प्रवेश) भी नहीं किया जाता.
  • नया काम शुरू करना: कोई नया बिजनेस या नौकरी ज्वाइन करने के लिए भी यह समय अच्छा नहीं माना जाता.

ये काम ज़रूर करें (यह भक्ति का समय है):
खरमास सांसारिक कामों के लिए भले ही अच्छा न हो, लेकिन आध्यात्मिक और धार्मिक कामों के लिए यह सबसे उत्तम समय माना गया है.

  • भगवान विष्णु की पूजा: इस पूरे महीने में भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत शुभ होता है.
  • सूर्य देव की आराधना:  सुबह उठकर सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए.
  • दान-पुण्य: अपनी क्षमता के अनुसार, गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना चाहिए.
  • तीर्थ यात्रा: इस समय की गई तीर्थ यात्रा का विशेष फल मिलता है.

तो, खरमास का मतलब किसी अशुभ समय से नहीं, बल्कि एक ऐसे समय से है जब हमें सांसारिक भागदौड़ से थोड़ा विराम लेकर धर्म, ध्यान और सेवा के कार्यों में मन लगाना चाहिए.

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