White House reclaims: डोनाल्ड ट्रम्प का भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम में था अहम योगदान
वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने एक बार फिर इस बात पर ज़ोर दिया है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम में महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी, जॉन किर्बी ने हालिया बयान में कहा कि ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने दोनों परमाणु-शक्ति संपन्न देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में सक्रियता दिखाई थी, जिससे एक बड़े सैन्य संघर्ष को टाला जा सका।
यह बयान ऐसे समय आया है जब डोनाल्ड ट्रम्प स्वयं बार-बार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने ही व्यापार सौदे की धमकी के ज़रिए दोनों देशों के बीच शत्रुता समाप्त करवाई थी। ट्रम्प के अनुसार, उस समय दोनों देशों के बीच हालात इतने गंभीर थे कि वे "बड़े परमाणु युद्ध" की कगार पर थे, जिसे उन्होंने अपनी कूटनीतिक हस्तक्षेप से रोका।
हालांकि, भारत का रुख हमेशा से यह रहा है कि नियंत्रण रेखा (LoC) पर संघर्षविराम का निर्णय दोनों देशों के महानिदेशकों DGMOs की आपसी बातचीत से लिया गया था, न कि किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से। लेकिन पाकिस्तान ने, तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के ज़रिए, अमेरिका और स्वयं ट्रम्प को इस मध्यस्थता का श्रेय ज़रूर दिया था।
ट्रम्प प्रशासन के दौरान, फरवरी 2021 में भी भारत और पाकिस्तान ने LoC पर संघर्षविराम समझौते को सख्ती से लागू करने पर सहमति जताई थी, जिसका अमेरिका ने स्वागत किया था। यह वही अवधि थी जब पाकिस्तान का दावा था कि उसने पांच भारतीय जेट विमानों को मार गिराया था, जबकि भारत ने भी पाकिस्तानी विमानों को गिराने का दावा किया था।
व्हाइट हाउस के अधिकारी जॉन किर्बी ने हालिया बयान में जोर दिया कि अमेरिका का लक्ष्य दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना है।यह इस क्षेत्र में लंबे समय से चले आ रहे भू-राजनीतिक तनावों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
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