साल 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण: भारत में दिखेगा या नहीं? जानें सूतक काल का नियम

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जब भी सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण की बात होती है, तो हमारे मन में सबसे पहला सवाल 'सूतक काल' को लेकर आता है। पूजा-पाठ कर सकते हैं या नहीं? बाहर निकलना ठीक है या नहीं? ऐसे कई सवाल हमें घेर लेते हैं।

इस साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, और इसको लेकर भी लोगों में काफी जिज्ञासा है। चलिए, आज हम आपके सारे भ्रम और सवालों को आसान भाषा में दूर करते हैं।

कब लग रहा है यह सूर्य ग्रहण?
साल का यह अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025, रविवार को लगने जा रहा है। भारतीय समय के अनुसार, यह ग्रहण रात 09:16 PM पर शुरू होगा, रात 11:24 PM पर अपने चरम पर होगा और देर रात 01:38 AM पर समाप्त होगा।

सबसे बड़ा सवाल: क्या यह भारत में दिखाई देगा?
इस सवाल का सीधा और सरल जवाब है - नहीं। यह सूर्य ग्रहण भारत के किसी भी हिस्से में दिखाई नहीं देगा। यह मुख्य रूप से अंटार्कटिका, दक्षिणी अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में ही नज़र आएगा।

तो क्या भारत में सूतक काल माना जाएगा?
अब आते हैं सबसे महत्वपूर्ण बात पर। ज्योतिष और धर्म शास्त्रों का नियम बिल्कुल साफ़ है: जिस स्थान पर ग्रहण दिखाई नहीं देता, उस स्थान पर ग्रहण का कोई भी धार्मिक प्रभाव, जैसे कि सूतक काल, मान्य नहीं होता है।

इसका मतलब है कि चूँकि यह सूर्य ग्रहण भारत में अदृश्य रहेगा, इसलिए यहाँ किसी भी प्रकार का सूतक काल नहीं माना जाएगा।

आपके लिए इसका क्या मतलब है?

  • कोई पाबंदी नहीं: आपको अपनी दिनचर्या में कोई बदलाव करने की ज़रूरत नहीं है।
  • पूजा-पाठ जारी रखें: मंदिरों के कपाट बंद नहीं होंगे और आप सामान्य दिनों की तरह ही पूजा-पाठ कर सकते हैं।
  • खान-पान सामान्य रहेगा: ग्रहण के दौरान भोजन करने या बनाने पर भी कोई रोक नहीं होगी।
  • गर्भवती महिलाएं चिंता न करें: गर्भवती महिलाओं को भी किसी तरह की विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ग्रहण का कोई प्रभाव भारत पर नहीं पड़ेगा।

संक्षेप में, आप इस खगोलीय घटना को लेकर बिल्कुल चिंता मुक्त रह सकते हैं। भारत में इस सूर्य ग्रहण का कोई भी धार्मिक या ज्योतिषीय असर नहीं होगा।

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