ड्यूटी पर थे पति, तो पत्नी पूजा की थाली लेकर पहुँच गई स्टेशन! कानपुर के इस वीडियो ने जीता सबका दिल
करवा चौथ की रात, जब पूरा देश चाँद का इंतज़ार कर रहा था, तब कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला, जिसने हर किसी का दिल छू लिया। एक तरफ जहाँ ट्रेनें अपनी रफ्तार से आ-जा रही थीं, स्टेशन पर अनाउंसमेंट गूँज रहे थे, वहीं दूसरी तरफ एक महिला पूजा की थाली लिए अपने पति के साथ यह त्योहार मना रही थी।
यह कहानी है लोको पायलट (ट्रेन ड्राइवर) महेश कुमार और उनकी पत्नी माया की, जिनकी इस छोटी सी प्रेम कहानी का वीडियो अब इंटरनेट पर वायरल हो रहा है।
आखिर स्टेशन पर क्यों मनाना पड़ा करवा चौथ?
महेश कुमार कानपुर देहात के झींझक के रहने वाले हैं और कानपुर में ही रहते हैं। करवा चौथ के दिन उनकी ड्यूटी लगी थी और उन्हें छुट्टी नहीं मिल पाई। उनकी शिफ्ट रात 10 बजे खत्म होनी थी, लेकिन उसके बाद भी घर पहुँचते-पहुँचते रात का एक बज जाता।
उनकी पत्नी माया ने दिन भर निर्जला व्रत रखा था। पति के घर आने में हो रही देरी को देखते हुए, उन्होंने एक अनोखा फैसला किया। वो खुद ही पूजा की थाली सजाकर कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुँच गईं!
प्लेटफॉर्म पर छलनी से देखा पति का चेहरा
वायरल हो रहे वीडियो में साफ़ दिखता है कि स्टेशन की चहल-पहल के बीच, माया अपने पति महेश कुमार को प्लेटफॉर्म पर खड़ा करती हैं। वह पहले छलनी से चाँद को देखती हैं और फिर उसी छलनी से अपने पति का चेहरा। उन्होंने वहीं अपने पति की आरती उतारी, उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया और फिर पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ा। इस खूबसूरत पल को यादगार बनाने के लिए दोनों ने एक सेल्फी भी ली।
इस दौरान महेश अपनी वॉकी-टॉकी के साथ ड्यूटी पर पूरी तरह मुस्तैद दिख रहे हैं, लेकिन पत्नी के लिए कुछ पल निकालकर उन्होंने अपना फर्ज भी निभाया। व्रत पूरा करवाने के बाद, महेश वापस अपनी ड्यूटी पर चले गए।
पति ने कहा- 'वो अपनी मर्ज़ी से आई थी'
महेश कुमार ने बताया, "मुझे छुट्टी नहीं मिल पाई थी। पत्नी का निर्जला व्रत था, इसलिए वो अपनी मर्ज़ी से खुद ही स्टेशन आ गई थी। मैंने उन्हें बुलाया नहीं था।"
रेलवे ने भी की तारीफ
यह वीडियो जब वायरल हुआ तो रेलवे के अफसरों तक भी पहुँचा। एनसीआर के पीआरओ अमित सिंह ने कहा, "लोको पायलट महेश कुमार ने अपनी ड्यूटी के साथ-साथ परिवार की ज़िम्मेदारी निभाकर एक मिसाल पेश की है।"
यह छोटी सी घटना दिखाती है कि जब प्यार और सम्मान हो, तो कोई भी रिश्ता अपनी राह बना ही लेता है, चाहे वो घर का आंगन हो या किसी व्यस्त रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म।
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